द फॉलोअप नेशनल डेस्क
बेटा है या बेटी, ये जानने के लिए पति ने पत्नी के पेट पर हंसुआ चलाकर काट दिया। हालांकि पत्नी की जान लोगों ने किसी तरह बचा ली, लेकिन गर्भ में पल रहा 8 महीने का बच्चा दुनिया में नहीं रहा। अदालत ने दरिंदगी की हदें पार करने वाले इस व्यक्ति को आजीवन कारावास की सुनाई है। मामला उत्तर प्रदेश के बरेली जिला, सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के घोंचा गांव का है। वहीं, घटना 19 सितंबर 2020 शाम करीब 4 बजे की बताई जा रही है। इस मामले में कोर्ट में सुनवाई चल रही थी लेकिन सजा अब सुनाई गयी है।
क्या है पूरा मामला
मिली खबरों में बताया गया है कि अनिता नाम की युवती की शादी 2002 में नेकपुर के रहने वाले पन्नालाल के साथ हुई थी। पन्नालाल शादी के बाद से ही अनिता से बेटे की चाह रखने लगा। लेकिन अनिता को एक-एक कर पांच बेटियां पैदा हुईं। इससे पन्नालाल अपनी पत्नी से नाराज रहने लगा। बेटे का पिता बनने की उसकी चाह भी कम नहीं हुई। इसलिए अनिता जब छठी बार गर्भवती हुई तो वो धैर्य नहीं रख सका। उसने लिंग जांच करानी चाही, लेकिन इस अवस्था में ये संभव नहीं हो पाया। उसने अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए अनिता का पेट ही काट दिया। हालांकि इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी कर लिया।
भाई ने दर्ज करायी थी प्राथमिकी
पुलिस ने इस मामले में जानकारी दी है कि अनिता के भाई ने घटना के बाद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद मुकदमा चला तो पन्नालाल ने भागने की भी कोशिश की। लेकिन पुलिसन उसे गिरफ्तार कर लिया। जांच के दौरान पुलिस ने हंसुआ भी बरामद कर लिया। गुरुवार को अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाया। दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने पन्नालल को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
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