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महाराष्ट्र में हिंदी भाषी लोगों पर हमले का मामला संसद में गूंजा, लोजपा ने की सुरक्षा की मांग

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द फॉलोअप डेस्क

महाराष्ट्र में बिहार और उत्तर प्रदेश के हिंदी भाषी लोगों पर हो रहे हमलों का मुद्दा अब संसद में उठ चुका है। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास (लोजपा-आर) ने महाराष्ट्र में हिंदी भाषी पूर्वांचलियों की सुरक्षा की मांग की है। बिहार के खगड़िया से लोजपा-आर के सांसद राजेश वर्मा ने आरोप लगाया कि राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ता रोजी-रोटी कमाने आए हिंदी भाषी लोगों से मारपीट कर रहे हैं।
गुरुवार को लोकसभा में अपनी बात रखते हुए सांसद राजेश वर्मा ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति अपने परिवार को छोड़कर किसी अन्य राज्य में जाकर नौकरी करता है, तो यह शौक नहीं बल्कि मजबूरी होती है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई कारखाना, उद्योग या व्यापारिक घराना किसी को नौकरी देता है तो यह एहसान नहीं होता, बल्कि कर्मचारियों की योग्यता के आधार पर उन्हें काम दिया जाता है।
लोजपा-आर के सांसद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस मामले पर संज्ञान लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि बिहार और उत्तर प्रदेश के हिंदी भाषी लोग जो महाराष्ट्र में काम कर रहे हैं, उन्हें सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए। वर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि राज ठाकरे का राजनीतिक अस्तित्व धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है, इसलिए मनसे के कार्यकर्ता ओछी हरकतों पर उतर आए हैं।
हाल के दिनों में महाराष्ट्र में मराठी भाषा न बोलने पर हिंदी भाषी लोगों पर मनसे के कार्यकर्ताओं द्वारा हमले किए जाने की खबरें आई हैं। हाल ही में मुंबई के पोवई क्षेत्र में मराठी न बोलने पर एक सिक्योरिटी गार्ड को थप्पड़ मारे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसी तरह, पिछले महीने वर्सोवा में एक डी-मार्ट के कर्मचारी को मराठी में बात न करने पर पिटाई कर दी गई थी।
इस मुद्दे पर राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र में मराठी बोलने के लिए आग्रह करना कोई गलत बात नहीं है। सरकार का भी मानना है कि मराठी का उपयोग बढ़ाना चाहिए, लेकिन यदि कोई व्यक्ति कानून अपने हाथ में लेकर इस मुद्दे को हल करने की कोशिश करता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
 

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