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लोकसभा में स्पीकर पद को लेकर अब टीडीपी ने दिया बयान, राहुल गांधी ने ये स्टैंड लिया 

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द फॉलोअप नेशनल डेस्क 

लोकसभा में स्पीकर पद को लेकर टीडीपी ने बड़ा देते हुए कहा है कि डेमोक्रेसी शर्तों पर नहीं चलती। हम एनडीए के साथ हैं। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री और टीडीपी नेता राम मोहन नायडू किंजरापु ने कहा,  "शर्तें रखना अच्छी बात नहीं है। लोकतंत्र शर्तों पर नहीं चलता। और जहां तक अध्यक्ष पद के चुनाव का सवाल है, एनडीए को जो करना चाहिए था, वह सबने किया। खास तौर पर राजनाथ सिंह जी ने वरिष्ठ नेता होने के नाते सभी से संपर्क किया। उन्होंने विपक्ष से भी संपर्क किया और उनसे कहा कि हम ओम बिरला का नाम प्रस्तावित कर रहे हैं, इसलिए इसमें आपकी मदद चाहिए। इसलिए जब उनकी मदद करने की बारी आई, तो उन्होंने शर्त रख दी कि हम तभी मदद करेंगे जब आप हमें यह (उप अध्यक्ष पद) देंगे। सशर्त आधार पर अध्यक्ष का समर्थन करने की कभी परंपरा नहीं रही। वे इसमें भी राजनीति करना चाहते हैं।"

 

क्या कहा राहुल गांधी 

इधर, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, "हमने राजनाथ सिंह से कहा है कि हम उनके अध्यक्ष (उम्मीदवार) का समर्थन करेंगे, लेकिन परंपरा यह है कि उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिया जाना चाहिए।" इन दोनों नेताओं के बयान से पक्ष और विपक्ष में किसी तरह के समझौते के संभावना समाप्त जैसी हो गयी है। बता दें कि लोकसभा चुनाव के समाप्त होने के बाद से लोकसभा में स्पीकर पद को लेकर तनातनी चल रही थी। पहले नीतीश और टीडीडी नेता चंद्रप्रकाश नायडू ने इस पद को लेकर बयान दिये। टीडीपी ने कुछ समय के लिए बीजेपी पर स्पीकर का पद उनके नेता को देने के लिए दबाव बनाया, लेकिन बीजेपी इसके लिए तैयार नहीं हुई। इसके बाद टीडीपी इस मुद्दे पर साइलेंट मोड में जाती दिखी। 

ओम बिड़ला रेस में आगे 

बता दें कि आज 26 जून को स्पीकर पद का चुनाव हो रहा है। जहां एक तरफ एनडीए की ओर से ओम बिरला ने नामांकन दाखिल किया है, वहीं विपक्ष की ओर से सांसद के सुरेश ने पर्चा भरा है। 72 साल में तीसरी बार स्पीकर को लेकर चुनाव होने जा रहा है। इससे पहले 1952, 1974 में भी स्पीकर को लेकर चुनाव हुआ है। स्वतंत्र भारत में 1952 में पहली बार स्पीकर को लेकर जीवी मालवणकर और शंकर शांताराम के बीच चुनावी मुकाबला हुआ था। उसके बाद 1976 में (आपातकाल के दौरान) भी स्पीकर के लिए चुनाव हुआ था। उस समय बालीग्राम भगत बनाम जगन्नाथ राव के बीच चुनाव था। अब 2024 में तीसरी बार चुनाव होने जा रहा है। अब तक पक्ष और विपक्ष के बीच सहमति से स्पीकर बनता आया है। 


 

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