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Ukraine Crisis : हमने आगाह किया था...छात्र ही यूक्रेन छोड़ने को तैयार नहीं थे, आरोपों पर बोले विदेश राज्यमंत्री

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दिल्ली: 

यूक्रेन और रूस युद्ध की वजह से हालात बेकाबू हैं। भारत सरकार मिशन गंगा के तहत भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से निकालने में लगी है। हालांकि, अभी तक महज 2 हजार से कुछ ज्यादा ही नागरिकों को ही निकाला जा सका है। इस बीच केंद्र सरकार पर लगातार ये आरोप लग रहे हैं कि उसने यूक्रेन से नागरिकों को निकालने में देरी की। सरकार यदि सही समय पर छात्रों को निकाल लेती तो ऐसी परिस्थितियां पैदा नहीं होती। देरी की वजह से मुश्किल आ रही है। 

क्या भारत ने नागरिकों ने निकालने में देरी की
विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने इन आरोपों का जवाब दिया है। उन्होंने काह कि ये आरोप है कि हमने अपने छात्रों को निकालने में देरी की, सही नहीं है। विदेश राज्यमंत्री ने कहा कि चात्र यूक्रेन नहीं छोड़ना चाहते थे, क्योंकि वे जिन विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करते हैं वे ऑनलाइन क्लास संचालित करने के लिए तैयार नहीं थे। विदेश राज्यमंत्री ने कहा कि हमने 24 फरवरी से पहले ही छात्रों को सलाह दी थी कि वे जितनी जल्दी हो सके यूक्रेन छोड़ दें। 

दूतावास ने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की
इधर यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों के लिए नई एडवाइजरी जारी की है। दूतावास ने भारतीय छात्रों को सलाह दी है कि वे जितनी जल्दी हो सकता है, खार्किव से निकल जाएं। दूतावास ने कहा है कि भारतीय नागरिकों को अविलंब खार्किव छोड़ देना चाहिए। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे जल्द ही पिसोचिन, बेजलुडोव्का औऱ बाबे की ओर बढ़ें। दूतावास ने एक समय निर्धारित कर नागरिकों को इन बस्तियों तक पहुंचने को कहा है। 

यूक्रेन में अभी भी कितने नागरिक फंसे हुए हैं
बता दें कि मंगलवार को जारी एक बयान में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि आमतौर पर यूक्रेन में भारत के 20 हजार नागरिक रहते हैं। यूक्रेन और रूस के बीच जारी गतिरोध के बीच जब नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी गई थी तो 8 हजार नागरिकों ने तत्काल यूक्रेन छोड़ दिया था। वहां 12 हजार लोग रह गये थे। इस बीच रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया। राजधानी कीव और खार्किव सहित अलग-अलग शहरों में भारतीय नागरिक फंसे हैं। उनको निकाला जा रहा है। अभी तक 2 हजार से कुछ ज्यादा नागरिकों को वहां से निकाला गया है।