द फॉलोअप डेस्क
बिना नोटिस दिये कर्मी को जॉब से निकालना कंपनी को महंगा पड़ गया। मामला हुंडई ऑटोएवर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से जुड़ा हुआ है। नौकरी से निकालने पर सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को कर्मचारी को 5 लाख रुपये देने को लेकर जुर्माना देने का फैसला सुनाया है। दरअसल कोर्ट ने माना कि इस प्रकार के निष्कासन से श्रमिक के अधिकारों का उल्लंघन हुआ है। ऐसे में कंपनी कर्मचारी को 5 लाख रुपये कंपनी जुर्माने के तौर पर दे। बता दें कि हुंडई ऑटोएवर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी हुंडई मोटर की सहायक कंपनी है। जिसके खिलाफ कोर्ट ने यह जुर्माना ठोका हैं।
क्या आदेश दिया कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि किसी भी कर्मचारी को बिना उचित नोटिस या कारण के नौकरी से निकाला नहीं जा सकता है? कंपनी को आदेश दिया गया है कि वह उस कर्मचारी को 5 लाख का मुआवजा दे, जो उसकी बेरोजगारी के कारण होने वाली परेशानियों के लिए मुआवजा प्रदान करेगा।
कोर्ट के फैसले के बाद, यह स्पष्ट हो गया है कि कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए न्यायालय सख्त कदम उठाएगा और किसी भी कंपनी को कर्मचारियों के अधिकारों का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह निर्णय श्रम कानूनों की ओर एक मजबूत संकेत है, जो कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
ये भी बता दें कि हुंडई ऑटोएवर प्राइवेट लिमिटेड जो हुंडई की इस सहयोगी कंपनी हैं। उसने 21 जनवरी, 2021 को अपने एक कर्मचारी को बिना नोटिस दिए नौकरी से निकाल दिया था। हालांकि कंपनी ने नौकरी से निकालने का कारण कर्मचारी की अनुपस्थिति और असहयोग बताया। जो कर्मी को नौकरी से हटाने की उचित वजह नहीं है।