डेस्क:
देशभर में अग्निपथ योजना को लेकर चल रहे विरोध में सबसे ज्यादा नुकसान रेलवे को ही उठाना पड़ रहा है। आक्रोशित युवाओं के मुख्य तौर से रेलवे संपत्ति को अपना निशाना बनाया है। बता दें कि इस विरोध प्रदर्शन के कारण अबतक 300 से अधिक ट्रेनें प्रभावित हुए है जबकि 234 रद्द किये गए हैं। वहीं सात ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया गया। जिसमें एक युवक की भी मौत की खबर है।
रेल मंत्री की अपील
भारत के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आक्रोशित युवाओं से अपील की है कि “रेलवे राष्ट्र की संपत्ति है,इसको किसी भी तरीके का नुकसान न पहुंचाये। आपकी बात सरकार संवेदनशीलता के साथ सुन रही है। “ वहीं रेल अधिकारियों का कहना है कि प्रदर्शन के कारण 94 मेल व एक्सप्रेस ट्रेन जबकि 140 यात्री ट्रेन रद्द की जा चुकी हैं। वहीं 65 मेल व एक्सप्रेस ट्रेन और 30 यात्री ट्रेन आंशिक रूप से रद्द की गई हैं। वही 11 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के मार्ग भी बदले गए हैं।
भारतीय रेल हम सभी देशवासियों की सेवा के लिए बनी राष्ट्रीय संपत्ति है। मेरी सभी से अपील है कि रेल संपत्ति को नुकसान ना पहुँचाए। pic.twitter.com/vJLPSGE1cG
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) June 17, 2022
स्थिति के अनुसार ट्रनों के परिचालन का निर्णय लेंगे
अधिकारियों ने आगे कहा कि वे अब कुछ ही ट्रेनों की आवाजाही पर नजर रख रहे हैं और स्थिति के अनुसार उनके परिचलान के संबंध में निर्णय लेंगे। इन ट्रेनों में 12303 हावड़ा-नयी दिल्ली पूर्वा एक्सप्रेस, 12353 हावड़ा-लालकुंआ एक्सप्रेस, 18622 रांची-पटना पाटलिपुत्र एक्सप्रेस, 18182 दानापुर-टाटा एक्सप्रेस, 22387 हावड़ा-धनबाद ब्लैक डायमंड एक्सप्रेस, 13512 आसनसोल -टाटा एक्सप्रेस, 13032 जयनगर-हावड़ा एक्सप्रेस और 13409 मालदा टाउन-क्यूल एक्सप्रेस शामिल हैं।
सबसे ज्यादा नुकसान पूर्व मध्य रेलवे को झेलना पड़ा
इस हिंसा में सबसे ज्यादा नुकसान पूर्व मध्य रेलवे को झेलना पड़ा है। जिसमें बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कई हिस्से आते हैं। इन्हीं राज्यों में व्यापक स्तर पर प्रदर्शन देखा गया है। ऐसे में पूर्व मध्य रेलवे ने प्रदर्शन के कारण आठ ट्रेनों के परिचालन की निगरानी करने का फैसला भी किया है।