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बगैर मुआवजा दिए संपत्ति के मालिक को बेदखल नहीं किया जा सकता है : सुप्रीम कोर्ट 

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द फॉलोअप डेस्क, नेशनल 

संपत्ति से बेदखल करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक किसी को संपत्ति से बेदखल करने से पहले बगैर पूरा मुआवजा दिए संपत्ति के मालिक को नहीं हटाया जा सकता है। अदालत ने यह कहा कि संपत्ति का अधिकार एक संवैधानिक अधिकार है और इसे संविधान के अनुच्छेद 300-ए के तहत संरक्षित किया गया है। इसीलिए किसी भी व्यक्ति को उसकी संपत्ति से कानूनी अधिकार के बिना बेदखल नहीं किया जा सकता है। बता दें कि इस फैसले में बेंगलुरु-मैसुरु इन्फास्ट्रक्चर कॉरिडोर प्रोजेक्ट से संबंधित भू-अधिग्रहण के मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट के 2022 के फैसले को चुनौती दी गई थी। अदालत ने कहा कि अपीलकर्ताओं को बिना मुआवजे के उनकी संपत्ति से बेदखल किया गया था, जबकि राज्य और संबंधित अधिकारियों की लापरवाही के कारण मुआवजा नहीं दिया गया। 

दरअसल, 2005 में अपीलकर्ताओं की जमीन पर कब्जा कर लिया गया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि अपीलकर्ता भू-स्वामियों को पिछले 22 वर्षों के दौरान कई बार अदालतों का दरवाजा खटखटाना पड़ा और उन्हें बिना कोई मुआवजा दिए उनकी संपत्ति से बेदखल कर दिया गया। मुआवजा पाने के लिए अपीलकर्ताओं की ओर से कोई देरी नहीं हुई, बल्कि राज्य अथवा केआइएडीबी अधिकारियों के सुस्त रवैये के वजह से अपीलकर्ताओं को मुआवजा नहीं मिला। अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि यदि 2003 के बाजार मूल्य पर मुआवजा निर्धारित किया गया होता, तो यह न्याय का अपमान और संविधान के अनुच्छेद 300-ए का उल्लंघन होता।

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