डेस्क :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन जीवन के 100वें साल में प्रवेश कर गईं हैं। PM ने मां के जन्मदिन को खास बनाने के लिए एक ब्लॉग के जरिए कुछ यादों को शेयर किया है। मां के नाम लिखी चिट्ठी में उन्होंने अपने जन्म से लेकर अब तक के सारे बड़े वृतांत लिखे। लिखे पत्र में मोदी ने बचपन के मित्र अब्बास का जिक्र किया उन्होंने बताया कि उनके पिता के करीबी दोस्त का देहांत हो गया तो वह उनके बेटे अब्बास को घर ले आए। वह मोदी के घर पर ही पला-बढ़ा। मोदी की मां हीरा बेन ने भी उसे अपने बच्चों जैसा प्यार दिया। पीएम लिखते हैं कि मां हमेशा दूसरों को खुश देखकर खुश रहा करती हैं। घर में जगह भले कम हो लेकिन उनका दिल बहुत बड़ा है।मोदी की मां अब्बास के लिए ईद पर उसकी पसंद के खास पकवान भी बनाती थीं।
माँ ने नहीं किया मोदी और अब्बास में कोई फर्क
मोदी ने लिखा कि उनकी मां अब्बास को अपने बच्चों की तरह ही प्यार करती थीं। अब्बास उनके घर में ही रहकर पढ़ा। जिस तरह हीराबेन नरेंद्र मोदी और उनके भाई-बहनों का ख्याल रखती थीं उसी तरह वह अब्बास की भी बहुत देखभाल करती थीं। अब्बास को भी हीराबेन के हाथ का बनाया खाना बहुत पसंद था।
साधु-संतों को भोजन करवा कर मांगती थी आशीर्वाद
प्रधानमंत्री ने अपने ब्लॉग में आगे लिखा कि हमारे घर के आसपास जब भी कोई साधु-संत आते थे तो मां उन्हें घर बुलाकर भोजन अवश्य कराती थीं। उसके बाद मां अपने लिए नहीं बल्कि हम भाई-बहनों के लिए आशीर्वाद मांगती थीं। जिसमे बच्चो में भक्ति और सेवा भाव के विकसित होने बात भी होती थी।
मुस्लिम मेहरबान से दोस्ती की कहानी
आपको बता दीं कि पीएम ने पिछले साल सितंबर में तालेवाले मुस्लिम मेहरबान की कहानी भी सुनाई थी। बचपन की कहानी सुनाते हुए कहा उन्होंने कहा था कि अलीगढ़ से जो सेल्समैन होते थे, उसमे से एक मुस्लिम मेहरबान थे। वे हर तीन महीने हमारे गांव आते थे। अभी भी मुझे याद है वह काली जैकेट पहनते थे। और सेल्समैन के नाते दुकानों में अपना ताला रख जाते थे और तीन महीने बाद पैसे ले जाते थे।