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पीएम मोदी भी अजमेर दरगाह में चादर भेजते रहे हैं, जारी विवाद के बीच ओवैसी का बयान 

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द फॉलोअप नेशनल डेस्क 

जारी विवाद के बाच AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि पीएम मोदी अजमेर दरगाह में चादर भेजते रहे हैं। ये नफरत जानबूझकर फैलाई जा रही है। ओवैसी ने कहा, दरगाह पिछले 800 सालों से यहीं है। नेहरू से लेकर सभी प्रधानमंत्री दरगाह पर चादर भेजते रहे हैं। बीजेपी-आरएसएस ने मस्जिदों और दरगाहों को लेकर इतनी नफरत क्यों फैलाई है? पीएम मोदी भी वहां चादर भेजते हैं। कहा, निचली अदालतें प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट पर सुनवाई क्यों नहीं कर रही हैं?। इस तरह कानून का शासन और लोकतंत्र कहां जाएगा?  यह देश के हित में नहीं है। पीएम मोदी और आरएसएस का शासन देश में कानून के शासन को कमजोर कर रहा है। ये सब बीजेपी-आरएसएस के निर्देश पर किया जा रहा है। 

बता दें कि अजमेर शरीफ दरगाह को शिव मंदिर बताने वाली याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष की इस याचिका को अदालत के स्वीकार करने पर अजमेर में अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती ने अफसोस जताया है। संभल जामा मस्जिद के बाद अजमेर दरगाह का भी सर्वे होना तय माना जा रहा है। अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका को अजमेर सिविल न्यायालय पश्चिम ने सुनने योग्य माना है। 

हिंदू सेना की तरफ से 1910 में छापी हुई किताब को साक्ष्य के तौर पर पेश किया गया जिसमें यह दावा किया गया है कि वहां हिंदू मंदिर था। कोर्ट ने अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी अजमेर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को नोटिस देकर पक्ष रखने को भी कहा है। इधर, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि दरगाह 800 साल पुरानी है और इसे 100 साल पहले छपी पुस्तक के आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती। 


 

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