द फॉलोअप डेस्क
बिहार में सियासी संकट के बीच नीतीश-तेजस्वी आज एक कार्यक्रम में साथ नजर आए। परिवारवाद पर नीतीश कुमार के बयान के बाद से ही RJD और JDU में तकरार बढ़ गई है। पटना के गांधी मैदान में आज गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में दूरी दिखी भी। सरकारी कार्यक्रम के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के बैठने के लिए एक जगह कुर्सी लगाई गई थी लेकिन सीएम के बगल वाली कुर्सी को छोड़कर तेजस्वी यादव ने उनसे दूरी बनाकर दूसरी कुर्सी पर अपने पार्टी नेता और विधासभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के बैठे नजर आए। करीब डेढ़ घंटे तक CM नीतीश और डिप्टी CM तेजस्वी साथ रहे लेकिन बातचीत नहीं हुई। वहीं अटकलों का बाजार गर्म है कि नीतीश कुमार एक बार फिर पाला बदल सकते हैं। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों में गहराती दरार के संकेतों के बीच जनता दल (JDU) प्रमुख नीतीश कुमार के भाजपा के साथ गठबंधन में लौटने की संभावना जताई जा रही है। कहा जा रहा है कि आज यानी गणतंत्र दिवस के मौके नीतीश कुमार अपने पत्ते खोल सकते हैं और कुछ बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
परिवारवाद पर नीतीश कुमार ने क्या कहा?
जदयू द्वारा राजधानी स्थित वेटेनरी कॉलेज परिसर में आयोजित कर्पूरी ठाकुर जन्म शताब्दी समारोह (24 जनवरी) में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजनीति में अपने परिवार को बढ़ाने की परंपरा पर खूब कटाक्ष किया। वैसे उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया था पर उनके इस कटाक्ष की राजनीतिक गलियारे में कई संदर्भों में चर्चा हो रही है। मुख्यमंत्री ने जननायक कर्पूरी ठाकुर का जिक्र करते हुए कहा कि वह राजनीति में परिवार को आगे बढ़ाने के समर्थक नहीं थे। उनके निधन के बाद ही हमलोगों ने उनके पुत्र रामनाथ ठाकुर को आगे बढ़ाया। उन्हें राज्य मंत्रिमंडल में जगह दी, राज्यसभा का सदस्य बनाया। हमने भी अपने परिवार के किसी भी व्यक्ति को राजनीति में आगे नहीं किया।
रोहिणी आचार्य ने गुरुवार को किया ट्वीट
लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने गुरुवार को बिना नाम लिए सोशल मीडिया पर निशाना साधा था जिसके बाद बिहार की राजनीति और गर्म हो गई।नीतीश कुमार ने अपनी टीम से रोहिणी के ट्वीट पर जब रिपोर्ट मांगी तो कुछ ही घंटों में रोहिणी का ट्वीट डिलीट कर दिया गया। आरजेडी के साथ गठबंधन पर नीतीश कुमार ही अंतिम फैसला लेंगे।आरजेडी किसी कीमत पर गठबंधन नहीं तोड़ना चाहती है। यही वजह है कि जब पार्टी को रोहणी आचार्य के ट्वीट के बारे में जानकारी हुई तो उन्हें कुछ ही घंटे में डिलीट करवा दिया गया। स्पीकर से लेकर प्रदेश के नेताओं से चर्चा शुरू हुई और डैमेज कंट्रोल के लिए उपायों पर भी बात हुई।
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