द फॉलोअप डेस्क
ओडशा के संबलपुर में 20 फीट गहरे बोरवेल में एक नवजात बच्ची गिर गयी। बच्ची 5 घंटे तक बोरवेल में फंसी रही। रेस्क्यू टी ने कड़ी मशक्कत के बाद बच्ची को बोरवेल से बाहर निकाल लिया। ठंड का मौसम होने के कारण बोरवेल की गहराई में तापमान काफी कम था। इस कारण बच्ची रोने लगी। बच्ची के रोने की आवाज सुनकर लोगों को घटना का पता चला। पुलिस को सूचना दी गयी और फिर बचाव कार्य शुरू किया गया। बचाव दल के सदस्यों ने बताया कि बच्ची बोरवेल में एक प्लास्टिक की बोतल में फंस गयी थी। इस कारण वो नीच की सतह तक गिरने से बच गयी। बोतल ने उसे रोकने का काम किया। वो 5 घंटे तक बोरवेल में फंसी रही। संबलपुर जिले के लारीपली गांव की ये घटना मंगलवार की रात की है। बच्ची में बोरवेल में कैसे गिरी, इस बात का पता अभी नहीं चल पाया है।
ऐसे बचाया गया बच्ची को
बचाव दल में शामिल लोगों ने बताया कि बोरवेल में पहले 100 वॉट का बल्ब डाला गया। इससे बच्ची को सर्दी से राहत मिली। इसके बाद बोरवेल में ऑक्सीजन पहुंचाने की व्यवस्था की गयी। फिर बोरवेल की पाइप को काटने का काम शुरू किया गया। इसमें 5 घंटे का समय लग गया। इसके बाद बच्ची को सकुशल निकाल लिया गया। बाहर निकालने के बाद बच्ची को फौरन संबलपुर के निकटवर्ती अस्पताल में एडमिट किया गया। चिकित्सकों ने बताया कि बोरवेल में इतनी देर रहने के कारण बच्ची के शरीर का तापमान काफी कम हो गया था। अब उसकी हालत में सुधार हो रहा है। बताया कि गिरने के समय बच्ची के शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था।
बोरवेल में डाला गया कैमरा
बचाव दल के सदस्यों ने बताया कि 100 वॉट के बल्ब से बच्ची को सर्दी से बचाया गया। ऑक्सीजन मिलने के बाद बच्ची ने रोना बंद किया। इसके बाद बोरवेल में कैमरा डाला गया, ताकि बच्ची की स्थिति का पता चल सके। कैमरे से पता चला कि बच्ची प्लास्टिक के बोतल में अटकी हुई थी। बच्ची के गिरने के समय बोरवेल का तापमान 12 डिग्री सेल्सियस था। इसे 100 वॉट के बल्ब से बढ़ाया गया। रेस्क्यू आपरेशन लगभग 5 घंटे तक जारी रहा।