द फॉलोअप डेस्क
बेंगलुरु में रहने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष से जुड़ा मामला, जिन्होंने पिछले साल अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया और उनके परिवार पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली थी। अतुल सुभाष के मामले में निकिता, उसकी मां निशा और भाई पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है।
अतुल सुभाष के 4 साल के बेटे के बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं थी, जिसे लेकर उसके दादा-दादी लगातार सवाल उठा रहे थे। इस बीच, अतुल सुभाष की मां ने सुप्रीम कोर्ट में बच्चे की कस्टडी के लिए याचिका दायर की। मंगलवार को कोर्ट में निकिता के वकील ने बताया कि दिवंगत अतुल सुभाष और निकिता का 4 वर्षीय बेटा फरीदाबाद के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई कर रहा है।
निकिता के वकील ने इस पर जोर दिया कि अतुल सुभाष की मां के द्वारा कस्टडी की मांग का विरोध किया जाए, क्योंकि बच्चा कभी उनके पास नहीं रहा और वह उन्हें पहचानता भी नहीं है। जस्टिस नागरत्ना ने भी इस पर टिप्पणी की कि "बच्चा याची से बिलकुल भी परिचित नहीं है," जिससे यह स्पष्ट हो गया कि अदालत ने फिलहाल अतुल सुभाष के माता-पिता को बच्चे की कस्टडी देने से इनकार कर दिया।
निकिता के वकील ने यह भी बताया कि बच्चे को फरीदाबाद के बोर्डिंग स्कूल से निकालकर बेंगलुरु लाया जा रहा है, क्योंकि निकिता को जमानत की शर्तों के तहत बेंगलुरु में रहना है। अतुल सुभाष के पैरेंट्स के वकील ने कहा कि 6 साल के बच्चे को बोर्डिंग स्कूल में रखना उचित नहीं है, लेकिन निकिता के वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा कि बच्चे को स्कूल से निकालकर बेंगलुरु लाया जा रहा है और वहां ही रखा जाएगा।
अदालत ने इस दौरान कहा कि निकिता सिंघानिया पर मीडिया ट्रायल नहीं होना चाहिए, क्योंकि वह अभी केवल आरोपी हैं और इस मामले में दोषी साबित होने तक उन्हें निर्दोष माना जाएगा।