द फॉलोअप नेशनल डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने आज NEET-UG की परीक्षा दोबारा कराने से इनकार कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, एनटीए को आदेश दिया है कि वो क्वेश्चन पेपर के विवादित प्रश्न का एक ही उत्तर, विकल्प 4 को मानते हुए रिवाइज्ड रिजल्ट जारी करे। ऐसा करने से 4 लाख से अधिक छात्रों के मार्क्स घटेंगे। साथ ही टॉपर्स स्टूडेंट के अंक में कमी आयेगी। कोर्ट ने IIT की रिपोर्ट के आधार पर ये साफ कर दिया है कि फिजिक्स के विवादित प्रश्न का चौथा ऑप्शन ही सही माना जायेगा। एनटीए को जल्द ही रिवाइज्ड रिजल्ट जारी करने के लिए कहा गया है।
बता दें कि विवादित प्रश्न पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नीट के टॉपरों की संख्या भी घट जायेगी। रीटेस्ट के बाद नीट के 720 में से 720 लाने वाले 61 टॉपर हैं, इनमें से 44 ऐसे हैं जिन्होंने पुरानी एनसीईआरटी बुक के हिसाब से विकल्प 2 चुना था। अब इनके 5 मार्क्स कटेंगा और इनका स्कोर 720 से घटकर 715 पर आ जाएगा। बता दें कि नीट पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा परीक्षा करने की बात पर साफ तौर से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा है कि पूरी परीक्षा में गड़बड़ी होने के कोई पर्याप्त सबूत नहीं है। हो सकता है कि CBI जांच के बाद पूरी तस्वीर ही बदल जाए, लेकिन आज हम किसी हालत में यह नहीं कह सकते कि पेपर लीक पटना और हजारीबाग तक सीमित नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दागी छात्रों को बाकी छात्रों से अलग किया जा सकता है। यदि जांच में लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि का पता चलता है तो काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद किसी भी स्तर पर ऐसे किसी भी छात्र के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जो कोई भी छात्र जो इस धोखाधड़ी में शामिल पाया जाता है या लाभार्थी है, उसे प्रवेश पाने का अधिकार नहीं होगा। CBI की जांच के मुताबिक पेपर लीक की वजह से 155 ऐसे छात्र है जिन्हें गड़बड़ी का फायदा मिला है।