द फॉलोअप डेस्कः
उत्तराखंड के उत्तरकाशी के निर्माणाधीन सिल्क्यारा टनल में 13 दिन से फंसे 41 मजदूरों के रेस्क्यू का काम अभी जारी है। गुरुवार 23 नवंबर को मजदूरों तक पहुंचने के लिए बाकी 18 मीटर की खुदाई शुरू की गई थी, लेकिन 1.8 मीटर की ड्रिलिंग के बाद मलबे में सरिया आने से खुदाई काफी देर तक रोक देनी पड़ी। बाद में सरिया काटा गया और फिर से ड्रिलिंग का काम शुरू हुआ। कुछ दूर की ड्रिलिंग अभी बाकी है। ऐसे में मजदूरों को शुक्रवार दोपहर तक निकाले जाने की उम्मीद है। गुरुवार को मशीन बेहद करीब पहुंचकर ठिठक गई। अवरोध आने से पाइप का अगला हिस्सा मुड़ गया। वहीं, ऑगर के ब्लेड क्षतिग्रस्त होने से ड्रिलिंग मशीन का काम रुक गया। फिलहाल विशेषज्ञ इसे ठीक करने के प्रयास में जुटे हैं। पूरे दिन ड्रिलिंग मशीन बामुश्किल एक घंटे ही चल पाई। अभी 16.2 मीटर ड्रिलिंग बाकी है. अधिकारियों के मुताबिक, 41 मजदूरों को आज दोपहर तक निकाल लिए जाने की उम्मीद है.
बुधवार को भी आई थी बाधा
सचिव नीरज खैरवाल ने बताया कि बुधवार को काम करते समय बाधा पैदा हो गई थी। मलबे के ढेर में कुछ सरिए सामने आ गए थे। पाइप भी आगे से मुड़ गया था। ऑगर मशीन का ब्लेड भी कुछ क्षतिग्रस्त हुआ है। सरिया को एक्सपर्ट ने काट कर ठीक किया। उन्होंने बताया कि 800 एमएम के पाइप में आई दिक्कत को भी दूर किया गया। इन तमाम बाधाओं को दूर करने के बाद 1.8 मीटर की नए सिरे से खुदाई कर पाइप आगे पुश किया गया। इसके बाद फिर आगे कुछ दिक्कत आई।
मजदूरों को निकालने की तैयारी पूरी कर ली गई है
कंप्रेसर मशीन के ऑनर शैलेश गुलाटी ने बताया कि मजदूरों को निकालने की पूरी तैयारी कर ली गई है। सबकुछ ठीक रहता तो अब तक काम पूरा हो जाता। उन्होंने यह भी बताया कि "अंदर फंसे लोगों से बातचीत हो रही है। खाना देने के लिए डाली गई पाइप से बात हो रही है। आवाज साफ-साफ जा रही है। कैमरा डालकर अंदर की स्थिति को देखा गया है। बाकि सब ठीत है लेकिन उनकी मानसिक स्थिति कमजोर हो रही है। मजदूरों को पूरा भोजन दिया जा रहा है। हमने रस्सी लगा दी है। इसी की मदद से भोजन भेजा जा रहा है। पहले सिर्फ ड्राई फ्रूट दिया जा रहा था अब तो रोटी-चावल पूरा खाना दिया जा रहा है।"
हमारे वाट्सअप ग्रुप से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें : https://chat.whatsapp.com/FUOBMq3TVcGIFiAqwM4C9N