द फॉलोअप डेस्क
7 अप्रैल 2025 को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों के लगभग 19.4 लाख करोड़ रुपये डूब गए। सेंसेक्स में 4,000 अंकों की गिरावट आई, जबकि निफ्टी में 900 अंकों से अधिक की कमी देखी गई। यह गिरावट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित नए टैरिफ और वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाओं के कारण हुई है।
गिरावट के मुख्य कारण:
1. अमेरिकी टैरिफ और व्यापार युद्ध: डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नए टैरिफ लगाने से वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है, जिससे निवेशकों में डर का माहौल है।
2. वैश्विक बाजारों में गिरावट: अमेरिकी और एशियाई बाजारों में भी भारी गिरावट देखी गई, जिससे भारतीय बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा
3. मंदी की आशंका: वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की संभावना बढ़ने से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है।
4. प्रमुख शेयरों पर प्रभाव:
• रिलायंस इंडस्ट्रीज: कंपनी का शेयर 7.4% गिरकर 1,115.55 रुपये पर आ गया, जो 52 हफ्तों का न्यूनतम स्तर है। टाटा मोटर्स: शेयर में 10% से अधिक की गिरावट आई, जिससे यह 52 हफ्तों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। टाटा स्टील: शेयर में 11.5% की गिरावट दर्ज की गई।
अन्य प्रभाव:
• 561 शेयर लोअर सर्किट में: कुल 561 शेयरों ने लोअर सर्किट छुआ, जबकि 752 शेयर 52 हफ्तों के न्यूनतम स्तर पर पहुंचे।
• सोने की कीमत में वृद्धि: अस्थिरता के बीच, सोने की कीमत में उछाल देखा गया, जो निवेशकों के सुरक्षित निवेश की ओर रुझान को दर्शाता है।
• क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट: बिटकॉइन की कीमत 75,000 डॉलर से नीचे आ गई, जो 7 नवंबर के बाद पहली बार हुआ है।
निवेशकों के लिए सलाह:
विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को इस समय धैर्य रखना चाहिए और घबराहट में आकर निवेश निर्णय नहीं लेने चाहिए। बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य हैं, और लंबी अवधि के निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा कर संतुलित निवेश रणनीति अपनानी चाहिए।
निष्कर्ष:
भारतीय शेयर बाजार में हालिया गिरावट मुख्यतः वैश्विक घटनाओं, विशेषकर अमेरिकी टैरिफ और व्यापार युद्ध की आशंकाओं के कारण हुई है। निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और बाजार की स्थितियों पर नजर रखते हुए सूचित निर्णय लेने चाहिए।