द फॉलोअप डेस्कः
इंदौर में पत्नी और ससुरालवालों की प्रताड़ना से तंग आकर 28 साल के युवक ने सुसाइड कर लिया। फांसी लगाने से पहले उसने 14 पेज का सुसाइड नोट लिखा, जिसमें पत्नी, सास और दो सालियों को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है। बाणगंगा के यादव नंद नगर में रहने वाले फोटोग्राफर नितिन (28) पडियार ने सोमवार रात को सुसाइड कर लिया था। सुसाइड नोट में नितिन ने आरोप लगाया कि पत्नी हर्षा शर्मा के परिवार ने कभी उनकी शादी को स्वीकार नहीं किया। 2019 में शादी हुई, इसके छह महीने बाद से विवाद शुरू हो गया। 2024 में हर्षा ने नितिन, जेठ सूरज और सास पर दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करा दिया। समझौते के लिए 20 लाख रुपए की डिमांड कर रहे थे। दहेज प्रताड़ना की एफआईआर से नाम हटाने के लिए राजस्थान पुलिस ने भी 50 हजार रुपए मांगे। इन आरोपों पर हर्षा का कहना है कि शादी के बाद से ही उससे दहेज मांगा जाता था।
पढ़िए 14 पेज के सुसाइड नोट में नितिन ने क्या लिखा...
मैं नितिन पडियार आत्महत्या कर रहा हूं। पत्नी हर्षा शर्मा ने मुझे और मेरी पूरी फैमिली को झूठे केस में फंसा दिया है। मैंने अगस्त 2019 में हर्षा से लव मैरिज की थी। शादी के लिए हम दोनों की फैमिली राजी नहीं थी। इसलिए हमने भागकर शादी कर ली। घर से अलग किराए के मकान में रहने लगे। शादी के दो महीने बाद मेरे परिवार ने हमें अपना लिया। परिवार ने समाज के सामने हमारी शादी की। मेरी सास सीता शर्मा इस शादी से खुश नहीं थी। उन्होंने मुझे कभी नहीं अपनाया। मेरी मौत का कारण सिर्फ और सिर्फ पत्नी हर्षा शर्मा, सास सीता शर्मा, साली मीनाक्षी और वर्षा शर्मा है। इन्होंने मुझे बहुत डराया और ब्लैकमेल किया है। हर्षा के कहने पर मैंने मां और भाई से लड़ाई की। उसी घर में ऊपर अलग रहने लगा। कुछ दिन बाद से हर्षा सुबह 11 बजे तक सोकर उठने लगी। मैं सुबह 10.30 बजे जॉब पर भूखा ही जाता था। कई बार भाभी ने खाना खिलाया। इस बात पर मां ने हर्षा को समझाया तो वह विवाद करने लगी। कुछ दिन बाद हर्षा प्रेग्नेंट हो गई। उसने यह बात अपनी मम्मी को बताई। उन्होंने कह दिया कि नितिन के बच्चे से हमें कोई रिश्ता नहीं रखना।
हर्षा की प्रेग्नेंसी के 6 महीने पूरे होने के बाद हमने गोद भराई कराई। हर्षा की मम्मी नहीं आई तो हमने गोद भराई की रस्म भतीजे अनिरुद्ध से करवाई। कुछ दिन बाद बेटे ने जन्म लिया। तब भी हर्षा की मम्मी उसे देखने नहीं आई। हर्षा की इच्छा पूरी करने के लिए मैंने बिजनेस के लिए लोन लिया। लेकिन उसमें नुकसान हो गया। इसके बाद और लोन लिया, उसमें भी नुकसान हो गया। हर्षा झगड़ा करके 4 मार्च 2023 को सुबह 6 बजे उसकी बड़ी बहन मीनाक्षी के साथ मायके जोधपुर चली गई। कुछ महीने बाद मैंने उससे कहा कि बेटे हनी की याद आ रही है, तुम घर आ जाओ। मम्मी के कहने पर हर्षा ने शर्त रखी कि परिवार से अलग रहेंगे तभी वो वापस लौटेगी। उसने मेरा नंबर ब्लॉक कर दिया। दूसरे मोबाइल से लगाया तो उसकी मां फोन उठाती और बात नहीं करने देती थी। एक साल तक ऐसा ही चलता रहा। मैंने अलग रहने की बात मान ली, लेकिन हर्षा और उसकी मम्मी का कहना था कि 20 लाख रुपए चाहिए। मैं पहले से ही इतने कर्जे में हूं। कहां से 20 लाख रुपए दे दूं। मैं परिवार के साथ हर्षा से बात करने राजस्थान गया। तब हर्षा और उसकी मम्मी ने कहा कि से नहीं देगा तो तुझे केस में उलझा देंगे। इसके बाद हर्षा ने कोर्ट में हमारे खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करा दिया। पुलिस ने भी मुझे, मम्मी और भैया को बहुत डराया-धमकाया और बेइज्जत किया। मेरे परिवार ने कभी किसी थाने में कदम नहीं रखा था। वो लोग बहुत सीधे हैं। उन्हें झूठे केस में कोर्ट जाना पड़ रहा है। मेरे घर में अकेला मेरा भाई कमाने वाला है। मैं काम नहीं कर पा रहा हूं। हमें हर महीने कोर्ट की तारीख पर राजस्थान जाना पड़ता है।
राजस्थान के थानेदार ने मम्मी और भैया का नाम एफआईआर में हटाने के बदले 50 हजार रुपए मांगे थे। हमारे पास रुपए नहीं थे, तब थानेदार ने मेरे साथ मारपीट की। जैसे-तैसे करके उन्होंने बयान लिए। हम बता कुछ रहे थे और वो लिख कुछ और रहे थे। पुलिसकर्मियों के नाम मुझे याद नहीं है। लेकिन जांच होगी तो सब पता चल जाएगा। थानेदार का सरनेम चौधरी था और एसआई का नाम रामलाल है। वहां और भी पुलिसकर्मी थे। मैं नितिन पडियार भारत सरकार से ये विनती करता हूं कि कानून बदलें। महिलाएं इस कानून का दुरुपयोग कर रही हैं। यह कानून व्यवस्था नहीं बदली तो रोज कई लड़के और उनके परिवार उजड़ते रहेंगे। भारत के सभी युवाओं से मेरा निवेदन है कि शादी न करें और अगर करते भी हैं तो एग्रीमेंट बनवाए। मेरे मरने के बाद मुझे न्याय दिलाएं। ऐसा नहीं कर पाए तो खुद की बारी का इंतजार करें।
परिवार से सभी सदस्य के लिए लिखा इमोशनल नोट
मम्मी सुनो।
मेरे जाने के बाद तुम रोना मत और न ही किसी को रोने देना। अगर तुम लोग रोओगे तो मुझे मरने के बाद भी तकलीफ होगी। मैं वापस आऊंगा, तुम्हारा बेटा बनकर। आई एम सॉरी।
भैया!
भैया, तुझे मैं कभी बोल नहीं पाया। तू मेरा सबकुछ है। तू रहता है तो हिम्मत रहती है। मम्मी का ध्यान रखना। और आखिरी बात जो मैं कभी बोल नहीं पाया तुझसे - आई लव यू।
भाभी!
भाभी मैं तुमसे भी माफी मांगता हूं। हर्षा के लिए मैंने तुमसे भी गलत बात की। तुमसे विनती है कि कभी भैया और मम्मी को दुखी मत होने देना।
अनिरुद्ध-अक्षत! (भतीजे)
तुम दोनों के बारे में लिखूंगा तो लिखते-लिखते पूरी रात खत्म हो जाएगी। प्लीज दोनों में से कोई भी मेरी तरह मत बनना। दोनों पापा जैसा बनना।