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भारत बना OpenAI का दूसरा सबसे बड़ा बाजार, बीते साल ट्रिपल हुआ यूजर बेस- सैम ऑल्टमैन

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द फॉलोअप डेस्क 
ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI के संस्थापक सैम ऑल्टमैन ने कहा है कि भारत, उनकी कंपनी का दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन चुका है, जहां पिछले एक साल में यूजर बेस तीन गुना हो गया है। ऑल्टमैन इन दिनों दुनिया भर के दौरे पर हैं और मंगलवार रात वे भारत पहुंचे। उनके दौरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात के साथ-साथ देश के कई स्टार्टअप्स और वेंचर कैपिटल फंड्स के प्रतिनिधियों से बातचीत शामिल है।
ऑल्टमैन ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, "भारत न सिर्फ AI के लिए बल्कि OpenAI के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण बाजार है। पिछले साल हमने यहां अपने यूजर्स की संख्या तीन गुना बढ़ाई है।" इस बातचीत में आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद थे। उन्होंने भारत की AI को लेकर तीन रणनीतिक पहलों पर जोर दिया—चिप डिजाइनिंग, फाउंडेशनल मॉडल्स और AI एप्लिकेशन।

भारत को AI क्रांति में अग्रणी बनना चाहिए – ऑल्टमैन
ऑल्टमैन ने भारत की AI क्षमताओं की सराहना करते हुए कहा, "भारत में जो कुछ भी बन रहा है- चिप्स, स्टैक, मॉडल्स और शानदार एप्लिकेशन—वह देखने लायक है। भारत को हर क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए और AI क्रांति का नेतृत्व करना चाहिए। यह देखना वाकई अविश्वसनीय है कि भारत ने अब तक क्या हासिल किया है।"
चीन की DeepSeek से मुकाबला?
ऑल्टमैन का यह एशिया दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब चीन की AI लैब द्वारा विकसित DeepSeek मॉडल की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। DeepSeek ने कम लागत में OpenAI के स्तर का एक फाउंडेशनल मॉडल तैयार किया है, जिससे यह साबित हो गया कि अत्याधुनिक AI मॉडल महंगे निवेश के बिना भी बनाए जा सकते हैं।
ऑल्टमैन ने कम लागत में AI मॉडल विकसित करने की संभावनाओं पर कहा, "हमने डिस्टिलेशन तकनीक में जबरदस्त प्रगति की है। छोटे मॉडल्स और खासतौर पर रीजनिंग मॉडल्स पर हमारा फोकस है। इन्हें ट्रेन करना अभी भी महंगा है, लेकिन इससे रचनात्मकता में बड़ा उछाल आएगा। भारत को इसमें आगे रहना चाहिए।"
AI मॉडल्स की लागत घटेगी, लेकिन निवेश बढ़ेगा
उन्होंने कहा, "मॉडल्स की लागत को दो नजरियों से देखा जा सकता है। सबसे उन्नत मॉडल्स के मामले में लागत में बढ़ोतरी जारी रहेगी, लेकिन साथ ही इंटेलिजेंस की वृद्धि भी जबरदस्त होगी।" ऑल्टमैन ने पिछले साल भारत यात्रा के दौरान कहा था कि भारतीय कंपनियों के लिए ChatGPT जैसे कोर मॉडल्स विकसित करना मुश्किल होगा। तब उन्होंने कहा था, "हमें नहीं लगता कि कोई हमारे स्तर के मॉडल्स बना सकता है, लेकिन फिर भी आपको इसे करने की कोशिश करनी चाहिए।" अब उनके नए बयान से यह स्पष्ट हो रहा है कि भारत की AI क्षमता को लेकर उनका नजरिया बदल रहा है।

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