द फॉलोअप डेस्कः
राजस्थान के करौली के हिंडौन कोर्ट का एक मामला पिछले कुछ दिनों से मीडिया में चर्चा में है। दरअसल यहां एक दुष्कर्म पीड़िता युवती ने कोर्ट के पुरुष जज पर गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता का आरोप है कि रेप संबंधित बयान दर्ज कराने के दौरान जज ने उससे कपड़े उतारने के लिए कहा। पीड़िता का कहना है कि कोर्ट में बयान दर्ज करने के दौरान उससे कहा गया कि कपड़े उतार कर शरीर पर लगी चोटें दिखाओ। इसके बाद पीड़िता ने हिंडौन पुलिस उप अधीक्षक कार्यालय में एफआईआर दर्ज कराई है।
जज ने कपड़े उतारने का कहा
दरअसल, पुलिस को मिली शिकायत के मुताबिक, 19 मार्च को 18 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया था। इसके बाद परिवार ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। पीड़िता दुष्कर्म के मामले में कोर्ट में बयान दर्ज कराने गई थी। पीड़िता के साथ तीन व्यक्ति थे, जिनमें एक पीड़िता की भाभी भी थी। बयान दर्ज करने के दौरान जज ने सिर्फ पीड़िता को ही कोर्ट में बुलाया, जबकि कोर्ट के बाहर उनकी भाभी और तीन अन्य व्यक्ति इंतजार कर रहे थे। आरोप है कि बयान दर्ज करने के दौरान जज ने जब कपड़े उतार कर शरीर पर लगी चोटें दिखाने की बात कही तो पीड़िता असहज हो गई। उसने जज की इस बात पर ऐतराज करते हुए सामने कपड़े उतारने से इनकार कर दिया। इसके बाद पीड़िता से नाराज होकर जज ने उसे बाहर जाने के लिए कह दिया।
मामला पकड़ता जा रहा तूल
इन गंभीर आरोपों के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। न्यायिक सेवा से जुड़े न्यायाधीशों ने मामले को गंभीर माना है। राजस्थान हाईकोर्ट के वरीय वकील और जजों का कहना है कि हाईकोर्ट को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और अपने स्तर पर जांच कराई जानी चाहिए। जांच पूरी होने तक आरोपित जज को पद से हटा देना चाहिए। ऐसे मामलों में आरोपित के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी होनी चाहिए।