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40% वोट और सिर्फ 2% वोट शेयर के बावजूद कैसे हार गयी AAP और BJP को कैसे हुआ फायदा; यहां समझिए पूरा समीकरण 

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द फॉलोअप डेस्क  

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। कुल 70 में से 48 सीटें हासिल कर उसने सत्ता में वापसी का मार्ग प्रशस्त कर लिया है। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी (AAP) को केवल 22 सीटों से संतोष करना पड़ा। चुनावी आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले एक दशक में दिल्ली में बीजेपी का वोट शेयर करीब 13 फीसदी बढ़ा है, जबकि AAP का वोट शेयर 10 फीसदी तक घटा है। हालांकि, दोनों दलों के बीच वोट शेयर का अंतर केवल 2 प्रतिशत रहा, जिससे मुकाबला बेहद दिलचस्प बना। बीजेपी की इस जीत का खास पहलू यह है कि वह 26 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी कर रही है। इस चुनाव में पार्टी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत AAP के कई बड़े नेताओं को शिकस्त दी। वहीं, कांग्रेस के लिए यह चुनाव एक और झटका साबित हुआ, क्योंकि लगातार तीसरी बार वह एक भी सीट जीतने में नाकाम रही। हालांकि, कांग्रेस के वोट शेयर में मामूली सुधार देखा गया, जो 2020 में 4.3% था और इस बार बढ़कर 6.34% हो गया।


AAP का वोट शेयर 43.57 प्रतिशत पर सिमट गया, जो 2020 के 53.57 फीसदी और 2015 के 54.5 प्रतिशत से काफी कम है। दिलचस्प बात यह है कि शायद पहली बार कोई पार्टी 40 प्रतिशत से अधिक वोट पाने के बावजूद चुनाव हार गई। 2015 और 2020 में AAP ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार उसे कड़े मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा।
बीजेपी के प्रदर्शन में लगातार सुधार देखने को मिला। 2015 में 32.3 प्रतिशत वोट पाने वाली पार्टी ने 2020 में 38.51 प्रतिशत और इस बार 45.56 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया, जिससे उसे 48 सीटों पर जीत मिली। 1998 से 2013 तक लगातार 15 वर्षों तक दिल्ली पर राज करने वाली कांग्रेस इस बार भी कोई सीट नहीं जीत पाई, लेकिन उसके वोट शेयर में 2.1 प्रतिशत का इजाफा जरूर हुआ। अब सवाल यह उठता है कि बीजेपी की यह जीत दिल्ली की राजनीति में किस तरह के बदलाव लाएगी और आम आदमी पार्टी इस हार से कैसे उबरने की कोशिश करेगी।


 

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