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गृह मंत्रालय से HC का सवाल, केंद्र-राज्य की टीम लगा सकेगी बांग्लादेशी घुसपैठियों का पता?

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रांची 
केंद्रीय गृह मंत्रालय से झाऱखंड हाईकोर्ट ने पूछा है कि झारखंड के सीमावर्ती इलाके से बांग्लादेशी घुसपैठिये किस तरह राज्य में प्रवेश कर रहे हैं। इनका पता कैसे लगाया जा सकता है और इसे रोकने के लिए कौन से कदम उठाये जाने चाहिये। बता दें कि बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों के कारण संथाल परगना की मूल जनसंख्या पर प्रभाव पड़ रहा है। संथाल की डेमोग्राफी पर इससे प्रभाव पड़ रहा है। इस मामले की सुनवाई बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट में की गयी। बांग्लादेशी घुसपैठियों का ये मामला डेनियल दानिश की ओऱ से दायर जनहित याचिका में उठाया गया है। मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की बेंच कर रही है। 

क्या पूछा है झारखंड हाईकोर्ट ने
दायर याचिका की सुनवाई के दौरान झारखंड हाईकोर्ट ने केंद्र के एडवोकेट प्रशांत पल्लव से सवाल किया है कि वे केंद्र सरकार से इस मामले में निर्देश लें। साथ ही बतायें कि इस मामले में केंद्र और झारखंड सरकार के अफसरों का एक दल बनाकर घुसपैंठ का पता लगा सकता है या नहीं। झारखंड हाईकोर्ट ने इस दौरान साहिबगंज, दुमका, गोड्डा, पाकुड़ औऱ जामताड़ा आदि में बांग्लादेशी घुसपैंठियों की चर्चा की है। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 दिसंबर की तारीख निर्धारित की है। 

क्या पड़ रहा है असर 

दायर याचिका में कहा गया है कि दुमका, साहिबगंज, गोड्डा, जामताड़ा आदि जिलों में बांग्लादेश से लगातार घुसपैंठिये आ रहे हैं। खबर है कि इन जिलों में मदरसों की संख्या बढ़ रही है। बांग्लादेशी नागरिक स्थानीय जनजातीयों से विवाह कर रहे हैं। इससे सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी असर पड़ रहा है। याचिका में प्रार्थी ने मांग की है कि गृह मंत्रालय इस मामले में हस्तक्षेप करे। साथ ही बताये कि झारखंड के सीमावर्ती इलाकों में तमाम सुरक्षा और कड़ाई के बीच घुसपैंठिये आखिर कैसे राज्य में प्रवेश कर रहे हैं। इस दिशा में दोषी अधिकारियों और लोगों की पहचान कर उन पर कार्रवाई होनी चाहिये।