द फॉलोअप डेस्क
जम्मू-कश्मीर का पहलगाम — जिसे आमतौर पर उसकी खूबसूरती और सुकून के लिए जाना जाता है — बीते मंगलवार को एक खौफनाक आतंकी हमले का गवाह बना। इस हमले में 28 लोगों की जान चली गई और कई गंभीर रूप से घायल हुए। इसी हमले के दौरान एक नाम सामने आया: आदिल हुसैन शाह। वह एक स्थानीय घुड़सवार गाइड था जो पर्यटकों को सवारी कराता था और अपने परिवार का पेट पालता था। अपने छोटे से घर और सीमित साधनों के बावजूद, आदिल मेहनत और ईमानदारी से रोज़ी कमाता था।
हमले के वक्त आदिल पर्यटकों को बचाने की भरसक कोशिश कर रहा था। वह आतंकियों की गोली का शिकार बना, लेकिन अंत तक संघर्ष करता रहा। इस प्रयास में उसे अपनी जान गंवानी पड़ी। आदिल के पिता सैयद बशीर शाह बताते हैं कि उनका बेटा परिवार का इकलौता कमाने वाला था। बेटे की मौत की ख़बर जैसे ही पहुंची, पुलिस और स्थानीय लोग उनके घर पहुंचे और संवेदनाएं प्रकट कीं।
शोकग्रस्त मां की बस यही बात थी: “अब हमें सहारा देने वाला कोई नहीं है। वह घोड़े चलाकर कमाई करता था, अब हमारे सामने अंधेरा है।” आदिल के भाई ने सरकार से इंसाफ और मदद की गुहार लगाई है। उनका कहना है, “एक बेटे की तरह, पति की तरह, आदिल ने अपने कर्तव्य को निभाया। ऐसे निडर लोगों को भुलाया नहीं जाना चाहिए।”
इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने को मजबूर किया है कि आतंकवाद सिर्फ मौत नहीं लाता, वह उन परिवारों को भी तोड़ता है जो पूरी ईमानदारी से जीवन जी रहे होते हैं। अब ज़रूरत है कि ऐसी घटनाओं के खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ उठाई जाए और निर्दोष लोगों की कुर्बानियों को बेकार न जाने दिया जाए।