द फॉलोअप डेस्क
EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने 2024-25 के लिए PF (EPF) पर ब्याज दर 8.25% पर स्थिर रखने का निर्णय लिया है। यह फैसला EPFO की केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की बैठक में लिया गया। हालांकि, यह निर्णय लाखों कर्मचारियों के लिए एक झटका साबित हो सकता है, क्योंकि उन्हें इस बार ज्यादा रिटर्न की उम्मीद थी। अब सभी की नजरें वित्त मंत्रालय की मंजूरी पर टिकी हैं, जिसके बाद यह दर 7 करोड़ से अधिक PF खाताधारकों पर लागू होगी।
पिछले कुछ सालों की EPF ब्याज दरें इस तरह रही हैं:
- वित्त वर्ष 2023-24: 8.25%
- वित्त वर्ष 2022-23: 8.15%
- वित्त वर्ष 2021-22: 8.10% (यह 4 दशकों का न्यूनतम स्तर था)
- वित्त वर्ष 2020-21: 8.50%कर्मचारियों पर क्या पड़ेगा प्रभाव
बताया जा रहा है कि ब्याज दर के स्थिर रहने से PF खाताधारकों को ज्यादा फायदा नहीं होगा। इसके साथ ही महंगाई को ध्यान में रखते हुए, वास्तविक रिटर्न पहले से कम हो सकता है। ऐसे में कर्मचारियों को अपनी निवेश रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।
क्या करें कर्मचारी
- EPFO पोर्टल या उमंग ऐप के माध्यम से अपना PF बैलेंस चेक करें।
- वित्त मंत्रालय की मंजूरी पर ध्यान रखें, क्योंकि यह दर तभी लागू होगी।
- ज्यादा रिटर्न के लिए PPF, NPS और म्यूचुअल फंड जैसे निवेश विकल्पों को भी अपनाने पर विचार करें।सरकार और वित्तीय विशेषज्ञों की राय
इसे लेकर सरकार का मानना है कि EPFO की फंडिंग और निवेश योजनाओं को ध्यान में रखते हुए यह दर उचित है। वहीं, वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि यह ब्याज दर कर्मचारियों के लिए पर्याप्त नहीं है और इसे 8.5% या उससे अधिक होना चाहिए था। EPFO अपनी ब्याज दरें तय करने के लिए सरकारी बॉंड और अन्य निवेशों पर मिलने वाले रिटर्न पर निर्भर करता है, लेकिन मौजूदा बाजार स्थितियों के कारण ब्याज दर में ज्यादा बढ़ोतरी संभव नहीं थी।
EPFO ब्याज दरें क्यों नहीं बढ़ रही हैं
बता दें कि EPFO अपने निवेश को सरकारी बॉन्ड, इक्विटी और अन्य सुरक्षित साधनों में लगाता है। वर्तमान बाजार स्थितियों और सरकारी बॉंड यील्ड में स्थिरता के कारण ब्याज दर में कोई वृद्धि नहीं की गई। EPFO को संतुलन बनाए रखते हुए यह सुनिश्चित करना होता है कि सभी खाताधारकों को समय पर ब्याज और निकासी मिल सके।