कोलकाता:
21वीं सदी है। कहने को तो हम इंटरनेट युग में जी रहे हैं लेकिन अंधविश्वास पर आधारित घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही। इन सब में डायन बिसाही का मामला किसी कोढ़ की तरह समाज में जड़ जमा चुका है। ताजा मामला पश्चिम बंगाल का है। पश्चिम बंगाल के वर्दमान जिला अंतर्गत कांकसा थानाक्षेत्र अंतर्गत बनकाठी पंचायत के खोड़ोबाड़ी गांव में एक बुजुर्ग दंपत्ति को जिंदा जलाने का प्रयास किया गया। यही नहीं, बुजुर्ग दंपत्ति को गांव से निकाल दिया गया है।
बुजुर्ग दंपत्ति को दी गई तालिबानी सजा
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बुजुर्ग दंपत्ति को ये तालिबानी सजा इसलिए दी गई क्योंकि ग्रामीणों को संदेह था कि स्वान हेंब्रम और उनकी पत्नी जादू-टोना करते हैं। गांव वालों का मानना था कि दंपत्ति ने गांव के कई लोगों को बीमार किया है। लोग, गांव में होने वाली मौतों के लिए इस दंपत्ति को ही जिम्मेदार मानते थे। इसी आधार पर दंपत्ति की बेरहमी से पिटाई की गई। बुजुर्ग दंपत्ति का आरोप है कि गांव के कुछ लोगों ने उनको जिंदा जलाने का प्रयास किया। उनका मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना मिली। थक-हारकर बुजुर्ग दंपत्ति को पास के दूसरे गांव में शरण लेनी पड़ी है लेकिन वे असुरक्षित महसूस करते हैं।
प्रखंड विकास पदाधिकारी से लगाई गुहार
इस बीच पीड़ित परिवार ने कांकसा के प्रखंड विकास पदाधिकारी से सुरक्षा की गुहार लगाई है। सूचना के मुताबिक पीड़ित दंपत्ति की शिकायत पर पुलिस गांव पहुंची। गांव वालों को समझाया और जागरूक किया। गांव वालों को अंधविश्वास से दूर रहे को कहा। पुलिस का कहना है कि बुजुर्ग दंपत्ति की वापसी जल्दी ही उनके गांव में होगी। वहीं एसीपी सुमन कुमार जायसवाल ने कहा कि मामले की जानकारी उनको मिली। मामले में सुलह हो गई है। हालांकि, बुजुर्ग दंपत्ति इससे इत्तेफाक नहीं रखता।
झारखंड में हुई थी तीन महिलाओं की हत्या
गौरतलब है कि झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में अक्सर डायन बिसाही को लेकर मारपीट, हत्या और प्रताड़ना की शिकायतें सामने आती है। हाल में झारखंड में तीन महिलाओं की हत्या डायन बिसाही के शक में कर दी गई। गांव वालों ने बेतुका बयान देते हुए बताया कि महिलाएं इच्छाधारी नागिन थी। लोगों को बीमार करती थीं।