द फॉलोअप डेस्क
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली हार से अभी तक उबर न पाए आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल के सामने एक नई समस्या खड़ी हो गई है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बंगले की मरम्मत और विस्तार को लेकर भ्रष्टाचार के आरोपों की केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने जांच शुरू कर दी है। बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने नियमों के उल्लंघन और फिजूलखर्ची का आरोप लगाया है, जिसके बाद CVC ने लोक निर्माण विभाग से इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग को 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित बंगले के विस्तार, संपत्तियों के कथित विलय और आंतरिक साज-सज्जा पर हुए खर्च की जांच का आदेश दिया है। बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि CVC ने उनकी दो पूर्व शिकायतों का संज्ञान लिया और लोक निर्माण विभाग से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी, जिसके आधार पर अब विस्तृत जांच का आदेश दिया गया है।
रोहिणी से नवनिर्वाचित बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता ने अपनी पहली शिकायत में आरोप लगाया था कि केजरीवाल ने 40,000 वर्ग गज (आठ एकड़) क्षेत्र में भव्य ‘‘महल’’ बनाने के लिए भवन निर्माण नियमों का उल्लंघन किया। उनका कहना था कि राजपुर रोड पर स्थित भूखंड संख्या 45 और 47 (जहां पहले वरिष्ठ अधिकारियों और न्यायाधीशों के आवास थे) और दो बंगलों (8-ए और 8-बी, फ्लैग स्टाफ रोड) को तोड़कर एक नए आवास में मिला दिया गया, जबकि इस दौरान मानदंडों का उल्लंघन किया गया और उचित अनुमोदन नहीं लिया गया।
विजेंद्र गुप्ता ने अपनी दूसरी शिकायत में 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित बंगले के मरम्मत और सजावट पर ‘‘जरूरत से ज्यादा खर्च’’ करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस बंगले में अत्याधुनिक सुविधाओं पर करदाताओं के करोड़ों रुपये खर्च किए गए और ‘‘बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं’’ हुईं। बीजेपी ने इस बंगले को कथित भ्रष्टाचार के कारण ‘‘शीशमहल’’ करार दिया है, जहां अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में 2015 से पिछले साल अक्टूबर के पहले सप्ताह तक रहे थे।