द फॉलोअप डेस्क
साइड इफेक्ट्स को लेकर विवाद झेल रही फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने दुनिया भर में अपनी कोविड-19 वैक्सीन की वापस मंगवा ली है। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने कहा है कि अब वैक्सीन की मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई नहीं की जा रही है। हालांकि कंपनी ने दावा किया है कि सप्लाई बंद करने का कारण कोविशील्ड वैक्सीन का साइड इफेक्ट्स नहीं है। फार्मा के दिग्गज का कहना है कि वैक्सीन को बाजार से किसी और कारण से हटाया जा रहा है।
व्यावसायिक कारणों से बाजारों से हटाया वैक्सीन
गौरतलब है कि कंपनी ने बताया कि वैक्सीन को व्यावसायिक कारणों से बाजारों से हटाया जा रहा है। अब बाजार में कई दूसरी एडवांस्ड वैक्सीन मौजूद हैं, जो वायरस के अलग-अलग वैरिएंट्स से लड़ सकती हैं। ऐसे में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन की मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई बंद कर दी गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एस्ट्राजेनेका ने इस साल 5 मार्च को वैक्सीन वापस लेने का आवेदन किया गया था। यह मंगलवार (7 मई) से लागू हो गया। अब यूरोपीय संघ में वैक्सीन का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
2020 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर बनाया था वैक्सीन
गौरतलब है कि एस्ट्राजेनेका ने 2020 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोरोना की वैक्सीन बनाई थी। इसके फार्मूले से भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ने कोवीशील्ड नाम से वैक्सीन बनाई थी। वहीं ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में इसे 'वैक्सजेवरिया' नाम से जाना जाता है। वहीं अप्रैल 2021 में जेमी स्कॉट नाम के शख्स ने यह वैक्सीन लगवाई थी। इसके बाद उनकी हालत खराब हो गई। शरीर में खून के थक्के बनने का सीधा असर उनके दिमाग पर पड़ा। इसके अलावा स्कॉट के ब्रेन में इंटर्नल ब्लीडिंग भी हुई।