डेस्क:
कोरोना वायरस के नए सब वेरिएंट(Sub varient) ने एक बार फिर देश के वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है। जांच में पाया गया है कि कोरोना वायरस का ये नया सब-वेरिएंट जांच के मौजूदा तरीकों को चकमा दे सकता है। इस समय आरटी-पीसीआर(RT-PCR) और रैपिड एंटीजन(Rapid antigen) किट के साथ परीक्षण किया जा रहा है। बहरहाल नई दिल्ली स्थित आईजीआईबी के शोधकर्ताओं का मानना है कि कोरोना वायरस के सब वेरिएंट के सामने आने के बाद टेस्ट के तरीकों पर गंभीर असर पड़ सकता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से RT -PCR जांच की सिफारिश
हिंदी अख़बार अमर उजाला की एक खबर के मुताबिक नए सब वेरिएंट के संज्ञान में आने के बाद सरकारी विशेषज्ञों की एक समिति ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से सिफारिश की है कि वह राज्यों के साथ बैठक में ये बताएं कि आरटी-पीसीआर टेस्ट पर ज्यादा जोर दिया जाए। देश के अधिकांश राज्य इस समय रैपिड एंटीजन किट का उपयोग कर रहे हैं। जबकि कोरोना के नए सब-वेरिएंट BA.4, BA.5 और BA.2.75 कोरोना टेस्ट के मापदंडों पर असर डाल सकते हैं।
सही जानकारी जुटाने में रैपिड एंटीजन बाधक
IGIB के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विनोद स्कारिया ने कहा कि उनके वैज्ञानिकों की रिपोर्ट से साफ है कि सब वेरिएंट ba.2.75 में म्यूटेशन कोरोना वायरस को पता लगाने की जांच के मापदंडों को प्रभावित कर सकता है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के मुताबिक कुछ राज्यों में देखा गया कि रैपिड एंटीजन के इस्तेमाल से वहां संक्रमण के स्रोत भी गायब पाए गए थे।
ओमिक्रोण के नए सब वेरिएंट का सबसे पहले भारत में चला पता
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि भारत के कुछ राज्यों में BA.2.75 नाम के ऑमिक्रॉन (Omicron) के एक नए सब-वेरिएंट का पता चला है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम घेब्रेयसस ने यह जानकारी देते हुए कहा कि यूरोप-अमेरिका में बीए.4 और बीए.5 के मामले पाए गए हैं। भारत जैसे देशों में BA.2.75 के नए सब-वेरिएंट का खतरा बढ़ गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि यह वेरिएंट पहले भारत में दिखाई दिया है,जिसे अब 10 देशों में ट्रेस कर लिया गया है।