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दिल्ली : अग्निपथ के खिलाफ देशव्यापी सत्याग्रह करेगी कांग्रेस, 27 जून को होगा व्यापक विरोध प्रदर्शन

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डेस्क: 

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा सेना भर्ती प्रक्रिया के लिए लाई गई नई अग्निपथ स्कीम के विरोध में कांग्रेस पार्टी देशव्यापी सत्याग्रह करेगी। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने ये जानकारी दी। केसी वेणुगोपाल ने बताया कि कांग्रेस पार्टी 27 जून को अपने-अपने राज्यों के सभी विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता अग्निपथ स्कीम के खिलाफ सत्याग्रह और विरोध प्रदर्शन करेंगे। फिलहाल दिल्ली में कांग्रेस पार्टी द्वारा अग्निपथ स्कीम के खिलाफ सत्याग्रह जारी है। 

 

राहुल गांधी ने अग्निपथ स्कीम पर क्या कहा! 
बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार साजिश के तहत धोखे से सेना को कमजोर कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को अग्निपथ स्कीम वापस लेनी हो होगी। इससे पहले प्रियंका गांधी भी कह चुकी हैं कि सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ स्कीम युवाओं को मार डालेगी। इस स्कीम से सेना बर्बाद हो जायेगी। सरकार को जनमानस की आवाज का ख्याल करते हुए अग्निपथ स्कीम वापस लेनी चाहिए। हालांकि, सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि योजना वापस नहीं होगी। 

सेना भर्ती प्रक्रिया के लिए लाई अग्निपथ स्कीम
गौरतलब है कि केंद्र सरकार सेना भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करते हुए अग्निपथ स्कीम लाई है। केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने प्रेस वार्ता कर खुद इस स्कीम का ऐलान किया था। अग्निपथ स्कीम के तहत महज 4 सालों के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी। इनको अग्निवीर कहा जायेगा। पहले साल में कम से कम 46 हजार सैनिकों की भर्ती होगी। इन सैनिकों को महीने में 30 से 40 हजार रुपये के बीच सैलरी मिलेगी।

इनको पीएफ,पेंशन या ग्रेच्युटी का लाभ नहीं दिया जायेगा। शहीद होने पर सैनिक के परिजनों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जायेगा। अग्निपथ स्कीम के तहत न्यूनतम आयुसीमा 17 वर्ष वहीं अधिकतम उम्र सीमा 21 वर्ष निर्धारित है।

हालांकि, 2 साल तक कोवि़ड महामारी को देखते हुए अधिकतम उम्र सीमा में 2 वर्ष की छूट दी गई है। हालांकि, इस स्कीम का देशव्यापी विरोध हो रहा है। 

अग्निपथ स्कीम को लेकर सरकार का तर्क क्या है! 
अग्निपथ स्कीम के पीछे सरकार का तर्क है कि इससे सैनिकों की औसत उम्र को 32 साल से घटाकर 26 साल किया जायेगा ताकि भारतीय सेना में अनुभव और युवा जोश के मिश्रण हो। 4 साल की सेवा के पीछे दूसरा तर्क ये है कि रक्षा बजट में पेंशन पर होने वाले खर्च को कम करना। हालांकि, विपक्ष तथा विरोध प्रदर्शन कर रहे युवाओं का कहना है कि इससे सेना का मूल ढांचा बर्बाद हो जायेगा। युवाओं को अग्निवीर के रूप में 4 साल की सेवा के बाद बेरोजगारी का भी डर सता रहा है।