रांची
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने आज झारखंड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल दशम जलप्रपात के प्रांगण में मीडिया प्रतिनिधियों को संबोधित किया और चुनावी तैयारियों की समीक्षा करते हुए दुर्गम इलाकों में तैनात बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) से सीधे संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने झारखंड की भौगोलिक और सामाजिक जटिलताओं को देखते हुए आयोग द्वारा किए जा रहे विशेष प्रयासों की जानकारी दी।
ज्ञानेश कुमार ने कहा, “चुनाव आयोग का उद्देश्य है कि देश का हर नागरिक, चाहे वह किसी भी क्षेत्र में रहता हो, मतदान की प्रक्रिया में समान रूप से भाग ले सके। BLOs इस लक्ष्य की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।”
कार्यक्रम में पारंपरिक झारखंडी अंदाज़ में पत्तों से बने टोपी और हार पहनाकर अतिथियों का स्वागत किया गया, जो राज्य की सांस्कृतिक पहचान और जैविक विरासत का प्रतीक रहा। यह आयोजन न सिर्फ संवाद का माध्यम था, बल्कि लोकतंत्र और लोकसंस्कृति के बीच एक आत्मीय संबंध को भी रेखांकित करता है।
मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे, जिन्होंने BLOs की कठिनाइयाँ सुनीं और उनके अनुभव साझा किए। अधिकारियों ने बताया कि झारखंड के कई इलाकों में BLOs को जंगलों, पहाड़ियों और सीमित संसाधनों के बीच काम करना पड़ता है, फिर भी वे मतदान सुनिश्चित करने के लिए पूरी निष्ठा से लगे हुए हैं।
इस संवाद कार्यक्रम का आयोजन SVEEP (Systematic Voters’ Education and Electoral Participation) के अंतर्गत किया गया, जो मतदाता जागरूकता और सहभागिता बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग की प्रमुख पहल है। ज्ञानेश कुमार ने मीडिया से बातचीत में यह भी स्पष्ट किया कि आयोग तकनीक, नवाचार और स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए मतदान प्रक्रिया को लगातार अधिक प्रभावी और समावेशी बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है।