द फॉलोअप डेस्कः
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इटली में होने वाले 50वें जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रवाना हो गये हैं। पीएम यहां 15 जून तक रहेंगे। इस दौरान कई महत्वूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने वाली है। तीसरी बार पीएम बनने के बाद मोदी की यह पहली विदेश यात्रा है। इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर मोदी एक आउटरीच देश के रूप में भाग लेंगे, जो वैश्विक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
इन प्रमुख मुद्दों पर होगी चर्चा
जलवायु परिवर्तन : अफ्रीका, जलवायु परिवर्तन और विकास के मुद्दों पर शिखर सम्मेलन चर्चा के साथ शुरू होगा, जो वैश्विक दक्षिण और भारत के विकास एजेंडे दोनों के लिए महत्वपूर्ण होगा।
मीडिल ईस्ट और यूक्रेन विवाद : मीडिल ईस्ट और यूक्रेन विवाद का मुद्दा इस चर्चा में हावी रहने की उम्मीद है। इन जटिल जियोपॉलिटिकल चुनौतियों को हल करने के तरीके तलाशेंगे।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस : एआई एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जो भारत के विकास के लिए भी काफी महत्वपूर्ण रहेगा।
वैश्विक चुनौतियां: मोदी विश्व के अन्य नेताओं के साथ अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे. वैश्विक सहयोग और समस्या के समाधान को लेकर भारत की प्रतिबद्धता दिखाएंगे।
जियोर्जिया मेलोनी से होगी चर्चा
इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के साथ पीएम मोदी द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। मार्च 2023 के बाद मेलोनी की यह दूसरी मुलाकात होगी। विदेश सचिव विनय मोहन ने कहा कि चर्चा में द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की जाएगी और भविष्य के सहयोग के लिए दिशा-निर्देश तय किए जाएंगे। विदेश सचिव ने कहा कि 14 जून को इस शिखर सम्मेलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
जी-7 और आउटरीच देश अपने विचार और दृष्टिकोण साझा करेंगे। इस वर्ष जी-7 की इटली मेजबानी कर रहा है, जिसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ-साथ यूरोपीय संघ भी शामिल है। जी7 शिखर सम्मेलन का एजेंडा रूस-यूक्रेन और मध्य पूर्व में संघर्ष, विकासशील देशों और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के साथ संबंध, जलवायु ऊर्जा संबंध, खाद्य सुरक्षा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर प्रकाश डालता है।