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Air India : 68 साल बाद टाटा की हुई एयर इंडिया, फ्लाइट में चलेगा रतन टाटा का रिकॉर्डेड मैसेज

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रांचीः
लगभग सात दशक के बाद टाटा ने एयर इंडिया को सरकार से वापस ले लिया है। इसे टाटा समूह अपनी बड़ी उपलब्धि मान रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि टाटा के लिए एयर इंडिया केवल एक व्यवसाय का जरिया ही नहीं था बल्कि यह उनके खास प्रोजेक्ट में शुमार था। 1930 के दशक में एयर इंडिया को टाटा एयरलाइंस के नाम से लॉन्च किया गया था। जेआरडी टाटा को उम्मीद थी कि आजाद भारत को यह एयरलाइंस कंपनी नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद करेगी लेकिन ऐसा हो नहीं सका।

सरकार और एयर इंडिया के बीच समझौता
पहले तो जेआरडी ने सरकार को प्रस्ताव दिया था कि एयर इंडिया इंटरनेशनल के तहत एक अंतरराष्ट्रीय सेवा की शुरुआत एक सहयोगी कंपनी के रूप में की जाए। सरकार ने सहमति भी दी और 1948 में टाटा एयरलाइंस की 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी। सरकार ने 1953 में एयर कॉरपोरेशन कानून बनाया और टाटा एयरलाइंस की हिस्सेदारी में अपनी बढ़त बना ली। बाद में सरकार ने इसका नाम बदलकर ‘एयर इंडिया इंटरनेशनल’ कर दिया।

18 हजार करोड़ में जीती थी बोली
टाटा ने 18,000 करोड़ रुपये की बोली जीती और 68 साल बाद एयर इंडिया को वापस ले लिया। नीलामी प्रक्रिया अक्‍टूबर 2021 में हुई थी और एयर इंडिया के लिए सबसे ज्‍यादा बोली लगाकर टैलेस प्राइवेट लिमिटेड ने इसे अपने नाम किया। टैलेस प्राइवेट लिमिटेड टाटा ग्रुप की ही कंपनी है। एयर इंडिया अब भारत सरकार का उद्यम नहीं रह गई है और एक निजी संस्था बन गई है। एयर इंडिया की ओर से टाटा संस की विमानन सहायक कंपनी टैलेस को बैलेंस शीट सौंपने के बाद यह बैठक हुई है, जो एयर इंडिया, एयर एक्सप्रेस और एयर इंडिया की ग्राउंड हैंडलिंग सेवा का प्रबंधन करेगी। 

रणनीतिक विनिवेश लेन-देन पूरा 
निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) में सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा कि एयर इंडिया का प्रभार रणनीतिक साझेदार की अगुवाई वाले नए निदेशक मंडल ने ले लिया है। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एयर इंडिया का रणनीतिक विनिवेश लेनदेन आज पूरा हो गया है, जिसमें सरकार को रणनीतिक साझेदार (मैसर्स टैलेस प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी) से 2,700 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।


एयर इंडिया और एआईएक्सएल के 15,300 रुपये के कर्ज के दायित्व समेत एयर इंडिया के शेयर को रणनीतिक भागीदार को स्थानांतरित किए गए है। एयर इंडिया की संस्थापक टाटा समूह के लिए फिर से इसकी उड़ान में कम चुनौतियां नहीं है। मौजूदा समय में देश में कई विमानन कंपनियां जिनसे एयर एयर इंडिया को होड़ लेनी होगी और फिर से साबित करना होगा।