द फॉलोअप डेस्कः
राजस्थान के दौसा जिले के पापड़दा क्षेत्र में स्थित काली खाड़ में सोमवार की रात एक पांच साल का मासूम बच्चा बोरवेल में गिर गया। मासूम को 23 घंटे से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी बाहर नहीं निकाला जा सका है। लोगों की सांसे अटकी हुई हैं। एनडीआरफ के जवान लगातार आर्यन को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं। बोरवेल से करीब 20 फीट की दूरी पर ही बीती रात से खुदाई की जा रही है। एनडीआरफ कमांडेंट योगेश कुमार ने बताया कि मासूम के अंदर आखिरी बार मूवमेंट रात 2 बजे देखी गई थी। इसके बाद कोई मूवमेंट नजर नहीं आई। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि आर्यन सो रहा है या घबराया हुआ है। इसके कारण मूवमेंट नहीं कर पा रहा है।
एनडीआरफ कमांडेंट योगेश कुमार ने बताया कि बोरवेल करीब 175 फिट गहरा है, जिसमें 147 फिट की गहराई पर मासूम अटका हुआ है। कुछ देर पहले बोरवेल में कैमरा फंस गया, जिसके कारण बोरवेल में डाली गई सभी रॉड वापिस निकाली गई है, लेकिन मासूम को सांस लेने में कोई दिक्कत नहीं हो, इसके लिए लगातार ऑक्सीजन सप्लाई चालू कर रखी है। बोरवेल नीचे से करीब 16 इंच चौड़ा है, जिसके चलते मासूम के हरकत करने पर उसके पानी में जाने का डर भी है, जिसके चलते एक अंब्रेला बनाकर मासूम के नीचे लगाया गया है, जिससे बच्चे को नीचे जाने से रोका जा सके।
खुदाई के लिए दो पाईलिंग मशीन घटनास्थल पर मंगवाई गई हैं। एसपी रंजिता शर्मा ने बताया कि पाईलिंग मशीन घटनास्थल के लिए रवाना हो गई हैं। जल्द ही दोनों मशीन मौके पर पहुंच जाएंगी। बोरवेल में गिरे बच्चे की स्थिति को लेकर कुछ भी कहना जल्दबाजी है। उन्होंने जिले में भर में खुले पड़े बोरवेल को लेकर भी चिंता जाहिर की और कहा कि जिले में हर 15 से 20 दिन में लोगों के और बच्चों के बोरवेल में गिरने की घटनाएं होती रहती हैं। इसे लेकर परिजनों को सतर्क रहना जरूरी है। जिससे इस प्रकार के हादसों से बचा जा सके।
जिला कलेक्टर देवेंद्र कुमार यादव सोमवार शाम से ही मौके पर डटे हुए हैं, जो राहत बचाव कार्य की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। जिला कलेक्टर ने बताया कि मासूम को बचाने के लिए मौके पर भारी संख्या में संसाधन जुटाए हैं। वहीं, दर्जनों ट्रैक्टरों को मिट्टी को हटाने के लिए लगाया है। उन्होंने बताया कि मौके पर 9 बजे तक 50 फिट खुदाई की जा चुकी है, लेकिन मासूम 147 फिट नीचे अटका हुआ है, जिसके कारण बच्चे तक पहुंचने में अभी समय लगेगा। बोरवेल के ऊपर से एनडीआरफ की टीम बच्चे को हुक में फंसाने के प्रयास कर रही है, लेकिन एनडीआरफ के प्रयास विफल होने पर खुदाई पूरी होने के बाद बच्चे को टनल बनकर बाहर निकाला जाएगा।
मासूम के परिजनों सहित ढाणी में रहने वाले लोगों के घरों में कल से ही चूल्हे नहीं जले हैं। मासूम की मां गुड्डी देवी ने बताया कि आर्यन मेरे पास ही खेल रहा था, लेकिन पैर फिसलने से बोरवेल में गिर गया। मौके पर मौजूद भाजपा नेता जगमोहन मीना ने बताया कि भगवान से प्रार्थना है कि मासूम सकुशल बोरवेल से बाहर आ जाए, जिससे परिवार का चिराग फिर रोशन हो जाएगा।