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काम की तलाश में हैदराबाद गए 3 युवक लापता, 8 दिसंबर को घरवालों से की थी आखिरी बात

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द फॉलोअप डेस्क
झारखंड (Jharkhand) के 3 युवक काम की तलाश में 20 दिन पहले हैदराबाद (went to Hyderabad for Work) गए थे। अब उनका कुछ पता नहीं चल पा रहा है। बीते 18 दिन से तीनों की परिजनों से बात भी नहीं हुई है। फोन लगातार बंद आ रहा है। बता दें कि तीनों युवक मांडर (Mandar) के रहने वाले हैं। इनके नाम पौलुस खलखो, सुभाष खलखो और हबलू उरांव है। कई कोशिशों के बाद भी बात नहीं होने से परिजन काफी परेशान हैं। जिसके बाद उन्होंने मांडर थाना में लापता की शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस (Jharkhand police) मामले की छानबीन कर रही है।


काम दिलाने के बहाने एक दलाल अपने साथ ले गया
परिजनों का कहना है कि बीते 9 दिसंबर के बाद से उनसे संपर्क नहीं हो पाया है। एक दलाल तीनों को काम दिलाने के बहाने हैदराबाद ले गया था। 8 दिसंबर को घर से मांडर का एक दलाल जो लोगों को काम दिलाने के नाम पर दूसरे राज्यों में ले जाता है उसी के साथ तीनों निकले थे। 9 दिसंबर को पौलुस एक्का ने अपने परिवार से आखिरी बार मोबाइल पर बात की थी। उसके बाद उसका मोबाइल स्विच ऑफ है। पौलुस की पत्नी कैटरीना कुजूर ने बताया कि उसने अपने पति और अन्य दो युवकों को लेकर दलाल से बात की थी। वह भी पति के बारे में ठीक से कुछ नहीं बता रहा है। जिसके बाद तीनों के परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है। 


9 फीसदी पलायन बिचौलिये के बहकावे से हो रहा
जानकारी हो कि हर साल काम के लिए हजारों लोग झारखंड से पलायन करते हैं। इनमें से नौ फीसदी बिचौलिये के बहकावे से हो रहा है। बिचौलिए उन्हें उज्जवल भविष्य के सपने दिखाकर ले तो जाते हैं, परंतु उसे उसकी किस्मत पर छोड़कर निकल जाते हैं। सीएम हेमंत अक्सर अपने भाषण में यह कहते हुए सुने जा चुकें हैं कि झारखंड की आधी-आबादी गांवों में बसती है। ऐसे में गांव के विकास में लगे हैं। युवाओं को नौकरी दे रहे हैं।  क्योंकि गांव अगर विकास के पथ पर अग्रसर होंगे, तो राज्य तरक्की के मार्ग पर जरूर प्रस्तुत होगा। परंतु पलायन के कारण यह विकास की बातें बस सुनायी जाती है, जबकी धरातल में गांव के गांव खाली हो चुके हैं।