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पश्चिम बंगाल के हावड़ा में कैश के साथ गिरफ्तार झारखंड कांग्रेस के तीनों विधायक डॉ. इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल कोंगाड़ी ने सीआईडी की पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है। विधायकों ने बताया कि वे लोग पूर्व मेदिनीपुर के मंदारमनी जा रहे थे। प्रभात खबर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले उन्होंने कोलकाता के साल्टलेक स्थित एक नामी-गिरामी शैक्षणिक संस्थान से कैश लिया था।
रानीहाट मोड़ से पकड़े गये थे विधायक
दरअसल, शनिवार देर शाम हावड़ा जिला के पांचला थानाक्षेत्र अंतर्गत रानीहाट मोड़ से 49 लाख रुपये कैश के साथ पकड़े गए तीनों विधायकों ने कहा कि वे लोग 30 जुलाई को ही गुवाहाटी से कोलकाता लौटे थे। विधायकों ने पूछताछ में बताया कि कोलकाता में वे लोग साल्टलेक स्थित एक शैक्षणिक संस्थान में गये। वहां से नकदी कलेक्ट की और फिर पूर्व मेदिनीपुर स्थित मंदारमनी रवाना हो गये। विधायकों ने पूछताछ में बताया कि वे लोग मंदारमनी में किसी बीजेपी नेता से मुलाकात करने वाले थे। मंदारमनी में ये तीनों विधायक किस बीजेपी नेता से मुलाकात करने वाले थे, इसका खुलासा नहीं किया।
मंदारमनी में किससे मिलने वाले थे!
सीआईडी की पूछताछ में तीनों विधायकों ने स्वीकार किया कि शैक्षणिक संस्थान से कैश कलेक्ट करने के बाद ये लोग मंदारमनी रवाना हो गये थे। इसी बीच हावड़ा पुलिस ने उनको पकड़ लिया। पूछताछ की और फिर गिरफ्तार कर लिया। गौरतलब है कि तीनों की गिरफ्तारी के बाद ही बंगाल सरकार ने कहा था कि मामले की जांच अब बंगाल पुलिस की बजाय सीआईडी करेगी। बता दें कि शनिवार को रानीहाट मोड़ में कांग्रेस विधायकों के पास से तकरीबन 50 लाख रुपये मिले थे।
बंगाल बीजेपी अध्यक्ष ने जांच पर उठाये सवाल
इधर, इस पूरी कार्रवाई को लेकर बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष और सांसद सुकांत मजूमदार ने कहा कि सीआईडी की जांच पर हमें भरोसा नहीं है। सीआईडी की जांच विश्वसनीय नहीं है। उन्होंने सीआईडी को गैर-पेशेवर संस्था बताते हुए कहा कि निष्पक्ष जांच नहीं होगी।