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कृषि स्टार्टअप्स,  नये मॉड्यूल...किसानों के लिए ये योजानएं ला रही बीजेपी, कृषि मंत्री शिवराज ने दी जानकारी

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द फॉलोअप डेस्क 

हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंध संस्थान में एग्जीक्यूटिव छात्रावास ब्लॉक और प्रशिक्षण ब्लॉक के शिलान्यास कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री  शिवराज सिंह चौहान पलामू से ऑनलाइन जुड़े। इस दौरान उन्होंने कहा, "मेरी इच्छा थी कि मैं आप सभी के बीच हैदराबाद में होता, लेकिन पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के कारण यह संभव नहीं हो पाया। मैं विश्वास दिलाता हूँ कि जल्द ही हैदराबाद आऊँगा और प्रत्यक्ष रूप से आप सभी से चर्चा करूंगा।"

उन्होंने कहा, "कई बार शॉर्ट फॉर्म के इस्तेमाल से अर्थ का अनर्थ हो जाता है, इसलिए हमें इनका उपयोग नहीं करना चाहिए। MANAGE जो कार्य कर रहा है, उसका उचित अर्थ स्पष्ट होना चाहिए। प्रधानमंत्री का संकल्प है कि कैसे किसानों की आय बढ़ाई जाए और खाद्य सुरक्षा को मजबूत किया जाए, ताकि 140 करोड़ की आबादी को भरपूर अन्न, फल, और सब्जियाँ मिल सकें, और हम अपनी जरूरतों को खुद पूरा कर सकें। कृषि हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। हमारी जिम्मेदारी है कि एक ओर आजीविका सुनिश्चित हो और दूसरी ओर खाद्य सुरक्षा भी बनी रहे। हमें खेती का विविधीकरण, मूल्य संवर्धन और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है, क्योंकि फर्टिलाइज़र के दुष्परिणामों से धरती की गुणवत्ता कम हो रही है और मानव स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है।"

शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा, "हमारा संस्थान कृषि विस्तार कार्यकर्ताओं, वैज्ञानिकों, FPOs, बेरोजगार युवाओं और इनपुट डीलर्स को प्रशिक्षण देता है, और यहाँ की प्लेसमेंट दर उत्साहजनक है। कृषि स्टार्टअप्स की ट्रेनिंग आज की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। हमें प्रशिक्षण के परंपरागत मॉड्यूल के साथ-साथ वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं को भी ध्यान में रखना होगा। इस नए भवन में ग्रीन बिल्डिंग के कॉन्सेप्ट का समावेश है, लेकिन भवन केवल शरीर है, आत्मा तो इसमें होने वाले प्रशिक्षण में होगी।"

अरहर और नाशपाती की खेती से पलामू और नेतरहाट पहचान दिलायेंगे
उन्होंने अपने झारखंड दौरे की चर्चा करते हुए कहा, "आज मैं झारखंड के पलामू के डाल्टनगंज में हूं। मुझे बताया गया कि अरहर की दाल के लिए अच्छा क्षेत्र है।  बेहतर मूल्य न मिलने से अरहर की खेती कम हो गई। इस धरती पर अरहर, चना, मसूर और दाल की खेती की संभावना हैं।  हमने आज कहा है कि हम अरहर पूरी खरीदेंगे, जिससे किसान का प्रोत्साहन हो।  यहाँ एक टीम आ सकती है, हम अध्ययन करें कि कैसे उत्पादन बढ़े, कैसे बेहतर बीज बनाये जा सकें। उन्होंने कहा,  कल मैं नेतरहाट में था, यहाँ नाशपाती और आलू की खेती होती है। यहाँ कैसे बेहतर उत्पादन हो सकता है, अच्छे प्लांट कैसे मिल सकते हैं, कैसे खेती के बेहतर तरीके हो सकते हैं, इस पर काम करने का प्रयत्न करें।  आज इस शिलान्यास कार्यक्रम के अवसर पर मैं सभी से मिलकर प्रसन्न हूं। 


 

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