द फॉलोअप डेस्क
झारखंड राज्य आदिवासी सहकारी विकास निगम लिमिटेड (Tribal Development Corporation) के रद्द चेक से लगभग 2 लाख रुपये की धोखाधड़ी ने डाल्टनगंज के जिला कल्याण कार्यालय को हैरान कर दिया है। इस संबंध में जिला कल्याण अधिकारी और कार्यकारी अधिकारी सेवाराम साहू ने 4 जनवरी 2025 को टाउन थाना में FIR दर्ज कराई। एक अंग्रेजी दैनिक में छपी रिपोर्ट के अनुसार यह धोखाधड़ी 2022 में रद्द किए गए दो चेक से हुई है, जिनकी राशि क्रमशः लगभग 99,000 रुपये और 97,000 रुपये थी। पैसे 31 दिसंबर 2024 और 1 जनवरी 2025 को निकाले गए। साहू ने बताया कि चेक रद्द कर दिए गए थे, लेकिन बैंक को सिस्टम अपडेट करने की सूचना नहीं दी गई थी।
इस निगम का पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की धर्मशाला रोड शाखा में एकल हस्ताक्षरित खाता है। बैंक ने स्पष्ट किया कि बैंक को चेक रद्द करने की सूचना कभी नहीं मिली। उन्होंने कहा, "हमें धोखाधड़ी के बारे में अपराध होने के बाद ही जानकारी मिली।"
धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए गए मल्टी-सिटी चेक वाराणसी की एक बैंक में जमा किए गए, और राशि कैनरा बैंक और एचडीएफसी बैंक के खातों में ट्रांसफर कर तुरंत निकाल ली गई। जांच के दौरान, पीएनबी शाखा ने उस खाते की पहचान कर ली है, जहां यह राशि ट्रांसफर की गई थी।
पीएनबी शाखा प्रबंधक ने बताया, "कैनरा बैंक और एचडीएफसी बैंक में संदिग्ध खातों को फ्रीज कर दिया गया है। हमें पूरा भरोसा है कि siphoned राशि वापस मिल जाएगी।"
इधर, साहू ने बताया कि रद्द किए गए चेक उनके कार्यालय में सुरक्षित हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि डुप्लीकेट चेक कैसे बनाए गए। बैंकिंग सूत्रों का कहना है कि धोखाधड़ी के पीछे दो संभावनाएं हो सकती हैं: या तो चेक रद्द करने से पहले धोखाधड़ी हुई, या फिर चेक की क्लोनिंग की गई।
इस घटना ने वित्तीय संस्थानों के बीच बेहतर संवाद और रद्द चेक के लिए सख्त प्रोटोकॉल की आवश्यकता को उजागर किया है। साथ ही, सरकारी संगठनों में सुरक्षा उपायों पर भी सवाल उठे हैं।
पीएनबी शाखा प्रबंधक ने भरोसा दिलाया है कि इस धोखाधड़ी में शामिल व्यक्ति को न्याय के कटघरे में लाने और निकाली गई राशि को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। मामले की जांच जारी है, और कई एजेंसियां इस धोखाधड़ी के पूरे तरीके का पता लगाने में लगी हैं।