रांची
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज रांची में झारखंड मिल्क फेडरेशन के अंतर्गत बनने वाले मेधा मिल्क पाउडर प्लांट का शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने राज्यभर से आए किसानों को संबोधित करते हुए खेती और पशुपालन को सबसे लाभकारी व्यवसाय बताया और किसानों को आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने पूर्व क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का उदाहरण देते हुए कहा, "जब एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर खेती करके अपने उत्पाद विदेशों में निर्यात कर सकता है, तो हम, जो खेती की परंपरा में पले-बढ़े हैं, क्यों नहीं?" उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे कृषि को सम्मान के साथ अपनाएं और इसे व्यवसाय का रूप दें।
कृषि को बताया सबसे टिकाऊ और लाभकारी क्षेत्र
सीएम ने कहा कि खेती-बाड़ी और पशुपालन जैसे कामों में कोई नुकसान नहीं होता, केवल लाभ होता है। उन्होंने कहा, “दुनिया के तमाम उद्योगों में घाटा हो सकता है, लेकिन खेती एक ऐसा क्षेत्र है जो सदा उपज देता है।”
उन्होंने कहा कि पहले गांवों में इतनी अधिक संख्या में पशु होते थे कि शाम के समय उनके लौटने पर रास्ते भर भर जाते थे। लोग इससे घरों से नहीं निकल पाते थे। लेकिन अब पशुधन घटता जा रहा है। उन्होंने इसके पुनर्वास की बात कही और कहा कि इससे पर्यावरण और बच्चों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में सरकार की पहल
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों के लिए कई योजनाएं चला रही है ताकि उनकी आय बढ़ाई जा सके और वे आत्मनिर्भर बन सकें। सरकार धान और दूध की सरकारी खरीद के साथ-साथ पशुधन का बीमा भी करवा रही है ताकि बीमारी या मृत्यु की स्थिति में किसानों को नुकसान न हो।
दूध उत्पादन को पंचायत स्तर तक ले जाने की योजना
उन्होंने जानकारी दी कि जिलों और प्रखंडों में दूध संग्रहण केंद्र खोले जा रहे हैं और जल्द ही यह सुविधा पंचायत स्तर तक पहुंचाई जाएगी, ताकि किसान आसानी से अपने उत्पाद बेच सकें। नकली दूध उत्पादों से छुटकारा पाने के लिए उन्होंने स्थानीय दूध उत्पादन बढ़ाने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले 5–7 वर्षों में राज्य दूध, मछली और मुर्गी जैसे उत्पादों में आत्मनिर्भर हो सकेगा। उन्होंने किसानों से आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाने का आह्वान किया। कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने किसानों की भागीदारी के लिए आभार जताया और उन्हें शुभकामनाएं दीं।