द फॉलोअप डेस्क
झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) के चुनाव में अध्यक्ष पद के उम्मीदवार एसके बेहरा ने कहा है कि जीत मिली तो वह जेएससीए में भाई-भतीजावाद खत्म करेंगे। अच्छे प्लेयर को मौका नहीं दिया जा रहा। फेस वैल्यू और पैरवी पहुंच पर खिलाड़ियों का चुनाव होता है। इस कारण कई खिलाड़ी डिप्रेशन में चले जा रहे हैं। जेएससीए के फंड का क्या होता, किसी को पता नहीं चलता। जीत मिली तो पारदर्शिता लाएंगे। हालांकि उन्होंने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि ऐसे गंभीर विषयों पर वह इतने दिनों तक चुप क्यों रहे। इतना भर कह कर सवाल से किनारे हो गए कि अब बोलना गलत है क्या। उनसे जब यह पूछा गया कि जेएससीए में क्रिकेट और इससे जुड़े लोगों की अपेक्षा ठेकेदार, व्यवसायी व अन्य वर्गों के सदस्यों की बहुलता दिखती है। उन्होंने स्वीकार किया कि जेएससीए का राजनीतिकरण होता जा रहा है। इन सब विषयों पर उनकी नजर है। बेहरा आज मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे। उन्हें अपने मैनिफेस्टो की जानकारी दे रहे थे। इस अवसर पर उनकी टीम से चुनाव लड़ रहे सभी अन्य प्रत्याशी भी मौजूद थे।
अचानक जेएससीए अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बचपन से ही उनकी क्रिकेट में रुचि रही है। व्यवसाय से जुड़े होने के कारण वह क्रिकेट में बहुत अच्छा नहीं कर सके। लेकिन क्रिकेट के क्षेत्र में कुछ करना, उनकी दिली इच्छा रही है। गांव में भी अच्छे खिलाड़ी हैं। उन्हें आगे लाना और इसके लिए अवसर पैदा करना, उनकी पहली प्राथमिकता होगी। वैभव सूर्यवंशी इसका उदाहरण है। रांची में बैठ कर गांव में खिलाड़ी पैदा नहीं किया जा सकता। इसके लिए गांव से लेकर शहर तक सुविधा और संसाधन उपलब्ध कराने की कोशिश करेंगे।
आरोपों पर क्या बोले बेहरा
लगातार पांच एजीएम में उपस्थित नहीं रहने पर सदस्यता समाप्त हो जाती है। फिर आप सात साल तक एजीएम में नहीं आए तो सदस्यता कैसे बनी रही। उन्होंने कहा कि 2024 के एजीएम में वह शामिल हुए थे। जब वह जेएससीए के मेंबर और वोटर हैं तो चुनाव कैसे नहीं लड़ सकते। अमिताभ चौधरी के नाम का चुनाव में उपयोग करने पर उनके पुत्र और पुत्री की आपत्ति पर उन्होंने कहा कि यह गलत नहीं है। किसी बड़े व्यक्ति का नाम लेना गलत नहीं है। उनकी अमिताभ चौधरी के पुत्र और पुत्री से बात हुई है।
एसके बेहरा टीम के प्रमुख चुनावी वादे
गांव व ग्रासरुट से क्रिकेट को प्रमोट करना
अधिक से अधिक स्टेट, नेशनल और इंटरनेशनल टूर्नामेंट व लीग मैचों का आयोजन कराना
स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी लेवल पर क्रिकेट को मजबूत करना
सभी 24 जिलों में क्रिकेट को मजबूत करना
क्रिकेट के मैदान और स्टेडियमों का निर्माण, संरक्षण के अलावा एकेडमी को मजबूत करना
जोन और जिला स्तर पर हाई परफॉर्मेंस सेंटरों का निर्माण कराना