हजारीबाग
जिले के तिलैया डैम ओपी क्षेत्र अंतर्गत हरली चौक के पास रेलवे लाइन के लिए भूमि सर्वेक्षण का कार्य निर्धारित था। इस काम के लिए DVC (दामोदर वैली कॉरपोरेशन) के चेयरमैन और रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे। लेकिन उन्हें स्थानीय ग्रामीणों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। स्थिति को देखते हुए अधिकारियों को बिना सर्वेक्षण किए ही वापस लौटना पड़ा।
पूर्व विधायक ने उठाई ग्रामीणों की आवाज़
घटना की जानकारी मिलने पर बरकट्ठा के पूर्व विधायक जानकी यादव मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों का समर्थन किया। उन्होंने DVC के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि ग्रामीण पहले ही अपनी बहुत सारी जमीन DVC को दे चुके हैं, लेकिन इसके बदले उन्हें केवल प्रदूषण और समस्याएं ही मिली हैं। उन्होंने साफ कहा कि अब ग्रामीण एक इंच भी जमीन DVC को नहीं देंगे।
जानकी यादव ने चेतावनी दी कि DVC अपनी कार्यशैली में सुधार करे, अन्यथा 1600 मेगावाट के विस्तार की योजना तो दूर, पहले से उत्पादित 1000 मेगावाट बिजली पर भी रोक लगाई जा सकती है।
ग्रामीणों का कहना है कि DVC जब चाहे पुलिस बल के सहारे उन्हें परेशान करने आ जाती है। उनके मुताबिक, प्रदूषण और अन्य समस्याओं से जूझने के बावजूद उन्हें कोई लाभ नहीं मिला है।
रेलवे लाइन के निर्माण की योजना
गौरतलब है कि केटीपीएस (कोडरमा थर्मल पावर स्टेशन) में वर्तमान में 1000 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। जल्द ही 800-800 मेगावाट की दो नई यूनिट शुरू की जाएंगी। इसके लिए पिपराडीह रेलवे स्टेशन से प्लांट तक कोयला ले जाने के लिए एक नई रेलवे लाइन के निर्माण की योजना बनाई गई है। लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते यह परियोजना अभी अधर में लटकती दिख रही है।