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विरोध-प्रदर्शन : पहाड़ की रक्षा के लिए ग्रामीणों ने फूंका बिगुल, माइंस के लिए लीज पर दिए जाने का किया विरोध

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पलामू: 

पलामू में खनन के लिए पहाड़ी लीज पर दिए जाने के विरोध में ग्रामीणों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं। मामला पांकी प्रखंड अंतर्गत आसेहार पंचायत का है। मिली जानकारी के मुताबिक आसेहार पंचायत में पहले से ही 2 माइंस संचालित हैं। यहां एक-दो छोटे पहाड़ मवेशियों के चारागाह के रूप में मौजूद है लेकिन उन्हें भी लीज पर देने की साजिश की जा रही थी। कहा जाता है कि कुछ लोग यहां मापी के लिए पहुंचे थे लेकिन ग्रामीणों की निगाह उन पर पड़ गई। 


लोगों ने मापी करते देख की थी पूछताछ
ग्रामीणों का कहना है कि जब उन्होंने पहाड़ी पर चहलकदमी कर रहे लोगों को देखा तो तुरंत उनके वाहन के पास पहुंचे। पूछने पर बताया गया कि वे लोग सरकार के आदमी हैं। ये पहाड़ी अब उनकी है। बहुत जल्दी इसे लीज पर दिया जाने वाला है। ग्रामीणों का दावा है कि मापी करने आए लोगों ने उनसे उनका मकान खाली करने को कहा। इस बीच ये बात ग्रामीणों के बीच फैल गई। लोग आक्रोशित हो गए। सभी लोग शनिवार शाम को भैरव टोला बस्ती में जमा हुये और जूलूस की शक्ल में माइंस तक जाकर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने पहले से चल रहे 2 माइंस का काम भी ठप करा दिया। 

माइंस संचालकों से लिया गया ये संकल्प
घटना के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक ग्रामीणों ने माइंस संचालक से बात की। संकल्प लिया कि भविष्य में किसी भी अन्य पहाड़ी को खनन के लिए लीज पर नहीं दिया जायेगा। इस बीच आम आदमी पार्टी के नेता कौशल किशोर बच्चन भी ग्रामीणों के आंदोलन में शामिल हो गए। कहा कि एक तरफ सरकार जल-जंगल और जमीन बचाने का नारा देती है, दूसरी तरफ पूंजीपतियों के हाथों पहाड़ और जंगल बेचे जा रहे हैं। ये सरासर गलत है। कौशल किशोर ने कहा कि नदी-पहाड़ ग्रामीणों की संपत्ति है। इसे किसी भी कीमत पर बिकने नहीं दिया जायेगा। 

पहले से मौजूद माइंस से विकास नहीं हुआ
ग्रामीणों का कहना था कि गांव की सुंदरता उस पहाड़ी की बदौलत है। मवेशियों का चारागाह भी उसी पहाड़ी पर है। लोग टहलने के लिए वहीं आते हैं। लोगों का जीवन उक्त पहाड़ी से जुड़ा है, लेकिन कुछ लोग इसे बर्बाद करना चाहते हैं। हमारी मांग है कि पहाड़ी का सौंदर्यीकरण किया जाये। इसे पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जाये। असेहार पंचायत के मुखिया ने कहा कि इलाके में पहले से 2 पहाड़ियां खनन के लिए लीज पर दी जा चुकी है। इसका फायदा स्थानीय लोगों को नहीं मिला। गांव में विकास का एक भी काम नहीं हुआ। स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सतीश कुमार ने कहा कि माइंस की वजह से बच्चों की शिक्षा पर गलत प्रभाव हो रहा है। स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा है। 

पंचायत समिति सदस्य सरिता देवी ने कहा कि माइंस में ब्लास्टिंग की वजह से मकान में दरारें पड़ जाती है। डस्ट की वजह से स्वास्थ्य पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है।