रांचीः
रांची नगर निगम में अब मेयर अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित नहीं रहेगी। राज्य निर्वाचन आयोग झारखंड ने इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। इधर केंद्रीय सरना समिति की तरफ से इस फैसले का विरोध किया जा रहा है। केन्द्रीय कार्यालय 13 RIT बिल्डिंग कचहरी परिसर में आज आपातकालीन बैठक रखी गई। जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने की। केंद्रीय सरना समिति व अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद ने सरकार के इस निर्णय का विरोध जताया है।
एक-एक कर छीन लिया जाएंगे सारे अधिकार
फुलचंद तिर्की ने कहा कि सरकार पांचवी अनुसूची क्षेत्र रांची नगर निगम चुनाव में महापौर के पद अनुसूचित जनजाति से हटाकर अनुसूचित जाति कर आदिवासी विरोधी काम किया है। सरकार के इस फ़ैसले का विरोध किया जाएगा एवं इसको लेकर आंदोलन किया जाएगा।
इधर अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष सत्यनारायण लकड़ा ने कहा कि रांची नगर निगम सिडुल एरिया है इसमें आदिवासियों के अधिकार को ख़त्म करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। आज महापौर पद को अनुसूचित जनजाति से हटाया गया है। आने वाले समय अनुसूचित जनजाति के सभी आरक्षित पदों को छीना जा सकता है। लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है नहीं तो एक-एक कर सभी अधिकार समाप्त हो जाएंगे। मौक़े पर केंद्रीय सामना समिति के संरक्षक बल्कु उरांव, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के महासचिव बिमल कच्छप बाना मुंडा, भुनूं तिर्की, धर्म कुमार एवं अन्य उपस्थित थे