द फॉलोअप डेस्कः
पश्चिम सिंहभूम के मनोहरपुर में एक बिन ब्याही मां की कोख में पल रहे बच्चे की गर्भावस्था में ही 50 हजार रुपये में सौदा कर लिए जाने का मामला सामने आया है। प्रसव के बाद उचित इलाज नहीं मिलने पर मां की 24 घंटे के भीतर मौत हो गई। इस मामले में की एक नर्स, एक सहिया और गर्भ का सौदा करने वाली एक महिला जांच के घेरे में है। बता दें कि जिले के तुरी टोला में किराए के मकान में कुछ महीने से एक 20 साल की लड़की गुपचुप तरीके से रह रही थी। युवती ने एक बच्चे को जन्म दिया उसके बाद उसकी मौत हो गयी। मौत के बाद कोख की खरीद फरोख्त का घिनौना सच सामने आ गया है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मनोहरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के आवेदन के आधार पर मनोहरपुर थाना में तीनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और तीनों को गैर इरादतन हत्या, किशोर न्याय अधिनियम-2015 सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर तीनों को जेल भेज दिया है।
चेन्नई से आई थी महिला
बताया जा रहा है कि युवती मजदूरी करने के लिए चेन्नई गई थी वहीं उसका किसी के साथ शारीरिक संबंध बना और वह गर्भवती हो गई। इसके बाद वह वापस आ गई। दो महीने से मनोहरपुर के तूरी टोला में सहिया और बच्चे को गोद लेनेवाली एक महिला की देखरेख में वह किराए पर रह रही थी। उसे प्रसव पीड़ा होने पर सहिया ने युवती को अस्पताल ले जाने के बजाय आनंदपुर की एक नर्स के जरिए किराए के मकान में ही प्रसव करवा दिया। नर्स का कहना है कि सहिया ने बताया था कि महिला अस्पताल ले जाने लायक नहीं है, जिसके कारण उसने घर जाकर प्रसव करने में मदद की। हालांकि उसने प्रसव के बाद सहिया को कहा था कि दोनों को मनोहरपुर अस्पताल में भर्ती करा दीजिए लेकिन सहिया ने ऐसा नहीं किया। फिर सहिया उसे मनोहरपुर सरकारी अस्पताल ले गई। वहां डॉक्टर ने शाम 6 बजे युवती को मृत घोषित कर दिया। उसके बाद सहिया मृतका की लाश को किराए के उसी मकान में ले गई और बाहर से ताला बंद कर दिया।
आरोप से किया इंकार
इस बात की भनक मनोहरपुर पंचायत समिति सदस्य खुशबू गुप्ता और उप मुखिया परितोष यादव को लग गई, जिसके बाद लोगों ने हंगामा मचाया और पूरा मामला परत दर परत खुल गया। जिस महिला ने बच्चे को गोद लिया, वह पकड़ ली गई है। उसका कहना था कि यह उसका बच्चा नहीं है। वह किसी बच्चे को गोद लेने की चाह में सहिया के संपर्क में आई थी। उसे सहिया ने कहा था कि युवती की डिलीवरी आदि का खर्च वहन कर लेगी तो बच्चा दिला देंगे। बच्चे को गोद लेने की चाह में वह गर्भवती का खर्च भेज दिया करती थी। पूरा सौदा 50 हजार में हुआ था। उसने बताया कि वह युवती को 3-4 महीने से ही जानती थी। इधर सहिया ने कोख का सौदा करने के आरोप को झूठा बताया है।
हमारे वाट्सअप ग्रुप से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें : https://chat.whatsapp.com/FUOBMq3TVcGIFiAqwM4C9N