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आरोप : नक्सली के नाम पर रात भर थाने में की बेकसूर आदिवासी युवक की पिटाई, सुबह पुलिस ने छोड़ दिया

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रांची:

नक्सली के नाम पर बेकसूर आदिवासियों के साथ पुलिसिया प्रताड़ना की शिकायतें झारखंड में अक्सर सुनने को मिलती रही हैं। खासकर नक्सल प्रभावित इलाकों से ऐसी खबरें सामने आती रही हैं। यह खबर लातेहार के कुकु गाँव, गारू, लातेहार की है। गारू थाना पुलिस पर 42 वर्षीय आदीवासी किसान अनिल सिंह की पिटाई करने का आरोप लगाया गया है। पुलिस को अनिल पर माओवादियों को मदद करने का शक है। यह जानकारी झारखंड जनाधिकार महासभा के सिराज दत्ता ने दी है। 

 

इस संबंध में झारखंड जनाधिकार महासभा ने ट्वीट भी किया है। घटना 23 फ़रवारी की रात को 12 बजे की है। पुलिस अनिल को घर से उठाकर थाना ले गई। पुलिस ने 300-400 बार लाठी से उनकी पिटाई की। उनको अगले दिन सुबह छोड़ दिया गया। पुलिस की ओर से कहा गया कि उन्हें गलती से उठा लिया गया था। बता दें कि कुछ महीनों पहले इसी प्रखंड के आदीवासी ब्रह्मदेव सिंह की सुरक्षा बलों की गोली से मौत हो गई थी।  एक नक्सल सर्च औपरेशन के दौरान उनपर गोली चलाई गई थी। 

 

अनिल सिंह ने साफ़ साफ़ बताया कि गारू थाना प्रभारी ने अपने चेम्बर में उनकी बेरहमी से पिटाई की और सुबह उनसे माफ़ी माँगी। अनिल सिंह ने बताया कि उन्हें और गाँव के कुछ और लोगों को रात के 12 बजे उठा लिया था और उनपर माओवादियों को मदद करने का आरोप लगाया। उन्हें और एक और व्यक्ति को बेरहमी से पीटा गया, जिसके कारण उन्होंने होश खो दिए। अनिल ने स्थानीय सदर अस्पताल में अपनी जाँच करवाई। पुलिस ने उन्हें इस घटना के बारे में किसी को बताने से माना किया। 

झारखंड जनाधिकार महासभा ने थाना प्रभारी के विरुद्ध तुरंत कार्रवाई करने समेत अनिल सिंह को पर्याप्त मुआवज़ा देने की मांग की है। इसके साथ नक्सलियों को पकड़ने की आड़ में सुरक्षा बल द्वारा लोगों को प्रताड़ित न करने, पाँचवी अनुसूची क्षेत्र के किसी गाँव में सर्च औपरेशन चलाने से पहले ग्राम सभा और पारम्परिक प्रधानों की अनुमति लिए जाने की मांग की गई है।