रांची:
झारखंड में हर साल बेटिंयां कभी काम के नाम पर तो कभी शादी के नाम पर दूसरे राज्यों में भेजी जाती हैं। इनमें से ज्यादातर घर नहीं लौट पाती हैं। वहीं कई की जिंदगी मानव तस्करों के चंगुल में फंसकर बरबाद हो जाती है। राज्य के गुमला, गढ़वा, साहिबगंज, दुमका, पाकुड़, पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा), रांची, पलामू, हजारीबाग, धनबाद, बोकारो, गिरडीह, कोडरमा और लोहरदगा आदि जिले सबसे अधिक इससे प्रभावित हैं। वहीं आदिवासी और आदिम जाजातीय समुदाय की बच्चियां इसकी सबसे अधिक शिकार होती हैं। इनकी उम्र11- 16 साल तक की रहती है।
सीआईडी के प्रस्ताव को मिली मंजूरी
लेकिन अब इस मामले में सरकार ने एक नया कदम उठाया है। मानव तस्करी रोकने के लिए सरकार वाहन खरीदेगी।1.60 करोड़ की राशि इसमें खर्च किये जाएंगे। जिससे 16 चार पहिया और 45 दोपहिया वाहन की खरीद होगी। यह प्रस्ताव सीआईडी का है। जिसे राज्य के गृह विभाग से मंजूरी भी मिल गई है। वाहनों का इस्तेमाल एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) करेगी।
कहां-कहां है एएचटीयू
बता दें कि मानव तस्करों पर लगाम लगाने के लिए राज्य में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) थाना की स्थापना हुई थी। राज्य के 12 जिलों रांची, खूंटी, सिमडेगा, लोहरदगा, गुमला, पलामू, चाईबासा, दुमका, लातेहार, साहिबगंज, गोड्डा व गिरिडीह में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट थाना कार्यरत है। अब धनबाद के टाउन थाना, पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला, सरायकेला-खरसांवा के सरायकेला, गढ़वा के महिला थाना, हजारीबाग के सदर थाना, कोडरमा में तिलैया थाना, चतरा में सदर थाना, रामगढ़ में महिला थाना, बोकारों में बेरमो थाना, पाकुड़ में लिट्टीपाड़ा थाना, देवघर में जसीडीह थाना और जामताड़ा के नारायणपुर थाना में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट थाना खोलने की तैयारी है।