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ट्रस्ट के रजिस्ट्रेशन में इन शब्दों का अब नहीं कर सकेंगे इस्तेमाल, विभाग ने जारी की गाइडलाइन

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रांची 

अगर आप झारखंड में किसी ट्रस्ट का निबंधन कराने जा रहे हैं, तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है। निबंधन में इस्तेमाल किये जाने वाले कुछ शब्दों को वर्जित कर दिया गया है। इस बाबत झारखंड के राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से निर्देश जारी कर दिया गया है। इस निर्देश के अनुसार अब किसी ट्रस्ट के निबंधन में कमीशन, ब्यूरो, सेंटर, मिनिस्ट्री, नेशनल और अखिल भारतीय जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। क्योंकि इन शब्दों के इस्तेमाल से ट्रस्ट या संस्था के सरकारी या अर्ध सरकारी होने का भ्रम पैदा होता है।

केंद्र सरकार से क्लियरेंस सर्टिफिकेट भी लेना होगा

विभाग ने कहा है कि इन शब्दों से कई तरह की गलतफहमियां होती हैं। इसके साथ ही विभाग ने ये भी कहा है कि ट्रस्ट का निबंधन कराने से पहले केंद्र सरकार से क्लियरेंस सर्टिफिकेट भी लेना होगा। विभाग की ओर से इस निर्देश अथवा गाइडलाइन का लेटर राज्य के सभी जिला निबंधकों और अवर जिला निबंधकों को भेज दिया गया है। गौरतलब है कि संस्था या ट्रस्ट के निबंधन के समय लोग ऐसे शब्दों का चयन करते हैं जिससे संस्था के केंद्र सरकार या राज्य सरकार के अधीन होने का भ्रम पैदा होता है। लोग आसानी से ऐसी संस्थाओं पर भरोसा कर लेते हैं। फिर बाद में उनके साथ धोखाधड़ी होती है। राज्य सरकार का इरादा ऐसी ही धोखाधड़ी को रोकना है।

क्यों जारी की गयी गाइड लाइन 

विभाग का कहना है कई बार लोग निबंधन कराने के समय आल इंडिया, नेशनल, मिनिस्ट्री और कई बार राष्ट्री ध्वज तिरंगा का भी इस्तेमाल कर लेते हैं। इससे लोगों के बीच संस्था को लेकर संशय की स्थिति पैदा होती है। जबकि इस तरह के कृत्य को रोकने के लिए देश में पहले से ‘एम्बलेम्स एंड नेम्स प्रिवेंशन ऑफ इम्प्रॉपर यूज’ नाम का एक्ट मौजूद है। झारखंड सरकार ने निबंधन कराने वालों को इस एक्ट का पालन करने का निर्देश दिया है। एक्ट का पालन नहीं करने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है।    

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