द फॉलोअप डेस्क
राज्य सरकार ने झारखंड प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारियों के विरुद्ध लगे आरोपों का विभागीय कार्यवाही के बाद अंतिम फैसला सुना दिया है। खलारी के तत्कालीन सीओ रवि किशोर राम को निंदन की सजा दी गयी है वहीं ठेठईटांगर सिमडेगा के बीडीओ रहे शिवाजी भगत को दोष मुक्त करार दिया गया है। कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग ने 24 अप्रैल को इस संबंध में अंतिम आदेश जारी कर दिया है।
खलारी के तत्कालीन सीओ रवि किशोर राम पर बुकबुका ग्राम के खाता संख्या 04, प्लॉट संख्या 37,46 एवं 57, कुल रकबा 1.59 एकड़। वर्ष 2021 में राम पर इस जमीन का फर्जी तरीके से बलदेव महतो के नाम रसीद काटने का आरोप लगा था। अपर समाहर्ता भू-हदबंदी रांची द्वारा जांच में पाया गया कि उक्त खाते की जमीन बिहार सरकार के नाम दर्ज है। राम ने 1990 से 2020 तक का लगान रसीद काटने में मदद की। इस आरोप के आधार पर तत्कालीन डीसी रांची ने आरोप गठित करते हुए कार्मिक विभाग से विभागीय कार्यवाही संचालित करने की अनुशंसा की। इस आधार पर वर्ष 2022 में राम के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही शुरू हुई। विभागीय कार्यवाही में राम की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए निंदन की सजा दी गयी है।
इधर ठेठईटांगर के तत्कालीन बीडीओ शिवाजी भगत पर मई 2018 में बगैर प्रभार सौंपे और बगैर अनुमति के प्रखंड मुख्यालय से बाहर रहने का आरोप लगा। साथ ही रोकड़ पंजी का अद्यतन संधारण नहीं करने और निरीक्षण प्रतिवेदन नहीं करने का आरोप भी लगा। डीसी ने स्पष्टीकरण पूछने के बाद जुलाई 2018 में आरोप गठित करते हुए विभागीय कार्यवाही संचालित करने की अनुशंसा की। विभागीय कार्यवाही में भगत के जवाबों से संतुष्ट होते हुए आरोप मुक्त करने की अनुशंसा की। इसके बाद कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग ने भगत को आरोप मुक्त रकने का आदेश जारी कर दिया है।