रांची
झारखंड की एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने आज राज्य के सीनियर आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे को गिरफ्तार कर लिया है। उन पर अपने पद का दुरुपयोग कर सरकार को करीब 38 करोड़ रुपये की चपत पहुंचाने का आरोप है। एसीबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह कार्रवाई स्टेटमेंट एजेंसियों के चयन और प्रक्रिया में कथित गड़बड़ी, जालसाजी और धोखाधड़ी के संगीन आरोपों के आधार पर की गई है।
गिरफ्तार किए गए विनय चौबे झारखंड सरकार में तत्कालीन प्रधान सचिव, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के साथ-साथ झारखंड स्टेट बेवरेजेस कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) के प्रबंध निदेशक भी रह चुके हैं। प्रेस नोट के अनुसार, उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान चयन प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं किया, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचा।
एसीबी ने उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं (420, 467, 468, 471, 409, 407, 109) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (धारा 13(1)(a), 13(2)) के तहत मामला दर्ज किया है। साथ ही, वर्तमान भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 61(2) और अन्य संबंधित प्रावधानों को भी इसमें शामिल किया गया है।
चौबे के अलावा उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के तत्कालीन आयुक्त-संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है। दोनों को आज (20 मई) न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
सूत्रों के मुताबिक, एसीबी की टीम ने प्रारंभिक अनुसंधान के बाद यह गिरफ्तारी की, जिसमें यह सामने आया कि चयन प्रक्रिया के दौरान सरकारी नियमों की अनदेखी की गई और जानबूझकर राज्य को आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया।
यह मामला झारखंड के प्रशासनिक हलकों में बड़ी हलचल पैदा कर सकता है, क्योंकि विनय चौबे एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं और कई अहम पदों पर रह चुके हैं। एसीबी ने संकेत दिया है कि मामले की जांच जारी है और आगे और भी गिरफ्तारी संभव है।