द फॉलोअप डेस्क
वित्तीय वर्ष 2024-25 कल समाप्त हो जाएगा। झारखंड सरकार के विभिन्न कोषागारों से इस वित्तीय वर्ष में राशि निकासी का काम 29 मार्च को पूरा हो गया। अब तक के आंकड़े के अनुसार इस वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार बजट राशि के खर्च में बढोत्तकी करने में सफल नहीं हो सकी। वित्तीय वर्ष 2023-24 में हुए लगभग 1.07 लाख करोड़ की तुलना में इस वित्तीय वर्ष में लगभग 1.12 लाख करोड़ की राशि खर्च होने का अनुमान है। अंतिम आंकड़ा सरकारी कार्यालयों के खुलने के बाद मंगलवार-बुधवार तक आएगा। लेकिन सरकार की लाख घोषणा और दिशा निर्देशों के बाद भी वर्तमान वित्तीय वर्ष में पीएल खाते में राशि जमा करने में सरकार पीछे नहीं रही।
जानकारी के अनुसार वित्त विभाग के निर्देश पर ही केंद्रीय योजनाओं एवं केंद्र प्रायोजित योजनाओं की बची हुई राशि को आधिकारिक रूप से पीएल खाते में जमा करा दिया गया। हालांकि इसे राज्य सरकार के लिए मजबूरी भी कही जा सकती है। केंद्र से मिली राशि के खर्च नहीं होने पर वह लैप्स हो जाता। इसलिए उसे निकाल कर पीएल खाते में जमा कर दिया गया है। यह राशि लगभग 1600 करोड़ के आसपास बतायी गयी है। अब सरकार के लिए चुनौती है कि उस राशि को अगले कुछ महीनों में ही खर्च कर दी जाए। अन्यथा एफआरबीएम के तहत पीएल खाते में जमा हुई राशि के कारण राज्य सरकार को ऋण लेने में कठिनाई होगी। इसके अलावा केंद्र से राशि नहीं मिलने का राग अलापनेवाली राज्य सरकार के लिए यह हास्यास्पद स्थिति भी है। राज्य सरकार पर यह आरोप चस्पा होगा कि एक ओर वह केंद्र से राशि नहीं मिलने की बात कहती है, दूसरी ओर केंद्र से मिलनेवाली राशि को समय पर खर्च नहीं कर पाती है।
वित्तीय वर्ष - संशोधित प्राक्कलन - वास्तविक खर्च - प्रतिशत
2017-18 - 76044 करोड़ - 67706 करोड़ - 89 प्रतिशत
2018-19 - 80623 करोड़ - 65888 करोड़ - 82 प्रतिशत
2019-20 - 84914 करोड़ - 70732 करोड़ - 83 प्रतिशत
2020-21 - 80007 करोड़ - 73854 करोड़ - 92 प्रतिशत
2021-22 - 89208 करोड़ - 77865 करोड़ - 87 प्रतिशत
2022-23 -1,00,649 करोड़ -88716 करोड़-88 प्रतिशत
2023-24-116418 करोड़-107417 करोड़-89.12 फीसदी
2024-25-128900 करोड़-112000 करोड़-86.00 फीसदी (अनुमानित)