logo

सरकार आदिवासी युवाओं को नशे की ओर धकेलना चाहती है: चंपई सोरेन

champai_soren1.jpg

 

द फॉलोअप डेस्क 

रांची। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आदिवासी समाज की युवा पीढ़ी को नशे के दलदल में धकेलना चाहती है।

दरअसल, आज (21 मई) को प्रस्तावित आदिवासी परामर्शदातृ समिति (TAC) की बैठक से पहले झारखंड सरकार ने जो एजेंडों की सूची जारी की है, उसमें राज्य के आदिवासी बहुल गांवों में शराब की दुकानें एवं बार खोलने का लाइसेंस देने की बात कही गई है।

इसी मुद्दे पर नाराजगी जताते हुए पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने कहा, “अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत मैंने नशा-विरोधी मुहिम से की थी। झारखंड की युवा पीढ़ी को नशे के दलदल में धकेलने की इस कोशिश का पुरजोर विरोध होगा।”

राज्य सरकार पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि टीएसी का गठन सदैव राज्यपाल के संरक्षण में करने की परंपरा रही है, जिसे इस राज्य सरकार ने तोड़ दिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब यह संस्था आदिवासियों के हित में काम करने के लिए बनी है, तो फिर टीएसी में सरकार का बहुमत होते हुए भी पिछले कई वर्षों से पेसा समेत आदिवासियों से जुड़े अन्य मामलों पर कोई ठोस परिणाम क्यों नहीं दिखते?

इसके साथ ही, उन्होंने राज्य सरकार द्वारा कोल्हान क्षेत्र में कई वर्षों पहले रोकी गई ईचा-खरकाई डैम परियोजना को दोबारा शुरू करने का भी विरोध किया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब उनकी अध्यक्षता में बनी समिति ने इस मुद्दे पर बहुत पहले फैसला ले लिया था, तो फिर से 124 गांवों को विस्थापित करने का निर्णय क्यों लिया जा रहा है?

उनके इस बयान के बाद झारखंड की सियासत में टीएसी की भूमिका, उसकी निष्पक्षता और सरकार की नीतियों को लेकर बहस शुरू हो गई है।

Tags - champai sorenjharkhand bjpbjp jharkhandhemant sonetribal advisory committte