द फॉलोअप डेस्क
हजारीबाग के जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा स्थित ओपन जेल के होल्डिंग कैंप से तीन बांग्लादेशी कैदियों के फरार होने के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। फरार कैदियों में से तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिनमें से एक को धनबाद से और दो को बनगांव बांग्लादेश बॉर्डर से पकड़ा गया है। इस घटना में जामताड़ा का भी कनेक्शन सामने आया है, जहां वर्ष 2018 में पकड़ी गई बांग्लादेशी महिला रीना उर्फ बिष्टि खान भी शामिल थी। फरार कैदियों की तलाश में हजारीबाग पुलिस जामताड़ा पहुंची और छानबीन में जुटी। पुलिस ने मिहिजाम में कालितल्ला निवासी छोटू उर्फ राज राम से पूछताछ की और उसका मोबाइल जब्त कर लिया है। फरार होने वाले तीनों कैदी विदेशी नागरिक थे जिनमें दो महिलाएं शामिल थीं। उन्हें भारत में अवैध रूप से रहने के आरोप में डिटेन किया गया था।
ढाका, गाजीपुर की रहने वाली रीना उर्फ बिष्टि खान को 4 फरवरी 2022 को जामताड़ा जेल से हजारीबाग ओपन जेल में ट्रांसफर किया गया था। वहीं, बांग्लादेश के चाट ग्राम निवासी निपाह अख्तर खुशी को 28 सितंबर 2024 को रांची के होटवार जेल से हजारीबाग ओपन जेल में ट्रांसफर किया गया था। बांग्लादेशी कैदियों के साथ बांग्लादेश के बागेरहाट का रहने वाला मोहम्मद नजमूल हंग भी फरार हो गया था।
रीना उर्फ बिष्टि खान की कहानी
जांच के दौरान, छोटू उर्फ राज राम ने बताया कि वर्ष 2017 में आसनसोल के पास नियमतपुर रेड लाइट एरिया से रीना जामताड़ा के मिहिजाम थाना क्षेत्र के कालितल्ला निवासी छोटू उर्फ राज राम के संपर्क में आई। राज उसे अपने साथ लाकर यहां बतौर पति-पत्नी रहने लगा। राज ने रीना का फर्जी दस्तावेज भी बनवाया। वर्ष 2018 में रीना ने जामताड़ा सदर अस्पताल से नारायणपुर के नारोडीह निवासी सलाउद्दीन अंसारी की पत्नी हलिमा बीबी के नवजात बच्चे को चुरा लिया और मिहिजाम के पालबागान नर्सिंग होम में भर्ती हो गई। नवजात का नाल काटने के दौरान सदर अस्पताल का टैग देखकर नर्सिंग होम ने इसकी सूचना पुलिस और सदर अस्पताल को दी। जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।
फर्जी दस्तावेज बनवाकर अवैध तरीके से रहने के आरोप में मिहिजाम थाना में कांड संख्या 15/18 दर्ज किया गया। जबकि बच्चा चुराने के आरोप में जामताड़ा थाना कांड संख्या 19/18 दर्ज किया गया। इस मामले में पुलिस ने छोटू उर्फ राज राम को भी गिरफ्तार किया। नवजात बच्चे की चोरी करने के मामले की अंतिम सुनवाई करते हुए अदालत ने रीना को 2 साल की सजा सुनाई, जबकि राज राम को बरी कर दिया गया। इस घटना के बाद, जामताड़ा पुलिस फरार कैदियों की तलाश में हजारीबाग पुलिस का सहयोग कर रही है और गिरफ्तार किएगए कैदियों से पूछताछ कर अन्य फरार आरोपियों के बारे में जानकारी जुटा रही है। इस घटना ने जामताड़ा में अवैध गतिविधियों और विदेशी नागरिकों के प्रवेश पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसकी जांच जारी है।