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बड़ी खबर : चंपाई सोरेन पर सस्पेंस खत्म, BJP में जाना तय; आज दिल्ली से लौटेंगे

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द फॉलोअप डेस्कः
चंपाई सोरेन पिछले दो दिनों से दिल्ली में है और झारखंड की राजनीति गर्म है। अब तक यह सस्पेंस बना हुआ है कि आखिर चंपाई सोरेन अपने तीन विकल्पों में से कौन सा विकल्प चुनेंगे। इसी बीच फॉलोअप आपको यह पक्की खबर दे रहा है कि चंपाई सोरेन की बीजेपी के बड़े नेताओं से बात हो चुकी है। और बहुत जल्द वह झामुमो छोड़ बीजेपी का दामन थाम लेंगे। साथ ही यह भी साफ हो गया है कि चंपाई सोरेन किसी बंद कमरे में बीजेपी में शामिल नहीं होंगे बल्कि सार्वजनिक सभा में वह  अपने नये साथयों से हाथ मिलाएंगे। उस सभा में या तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे या अमित शाह या फिर जेपी नड्डा। जो जानकारी है उसके अनुसार चंपाई सोरेन आज दिल्ली से लौट आएंगे। उसके बाद वह पार्टी और मंत्रीपद दोनों से इस्तीफा देंगे। यह भी साफ है कि चंपाई सोरेन अकेले ही शामिल होंगे। 


मनाने की नहीं हुई कोई कोशिश
इस बीच यह भी खबर है कि चंपाई सोरेन को झामुमो की तरफ से मनाने की कोई कोशिश नहीं की गई है। सोशल मीडिया पर खबर चल रही थी कि हेमंत सोरेन ने फोन पर चंपाई सोरेन की बातचीत दिशोम गुरु शिबू सोरेन से करवाई है और उन्हें मनाया है लेकिन फॉलोअप के पास जो जानकारी है उसके मुताबिक ऐसा कुछ नहीं हुआ है। झामुमो की तरफ से चंपाई सोरेन से ना तो हेमंत सोरेन और ना ही शिबू सोरेन की बात हुई है। 


सोशल मीडिया पर छलका चंपाई का दर्द 
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से लगातार इस बात की चर्चा थी कि चंपाई सोरेन बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। इसी बीच चंपाई सोरेन दिल्ली चले गये जिसके बाद इन अफवाहों को और बल मिला। जिस दिन चंपाई सोरेन दिल्ली गये उसी दिन उन्होंने एक लंबा पोस्ट ट्वीटर पर साझा किया जिसमें उनका दर्द छलका था। चंपाई सोरेन द्वारा सोशल मीडिया में लिखी गयी ये वही भावनाएं थीं, जिसे उन्होंने कई महीनों तक अपने सीने में दबाकर रखी थी। हालांकि उन्होंने अपने पोस्ट में ऐसा भी लिखा है कि वो संगठन को किसी प्रकार की क्षति पहुंचाने का उनका कोई इरादा नहीं है, जिस पार्टी को हमने अपने खून-पसीने से सींचा है, उसका नुकसान करने के बारे में तो कभी सोच भी नहीं सकते। 


कोल्हान का बड़ा चेहरा हैं चंपाई
चंपाई सोरेन, झारखंड को कोल्हान का एक बड़ा नाम, कद और एक बड़ा चेहरा भी है. प्रदेश की राजनीति में धाक रखने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा के करीबी और झारखंड आंदोलन के सूत्रधार दिशोम गुरू शिबू सोरेन के बेहद करीबी हैं। साल 2024 चंपाई सोरेन के लिए काफी खास रहा। प्रदेश के तत्कालीन सीएम हेमंत सोरेन ईडी की जद में चले जाने के बाद सोरेन परिवार ने उनपर भरोसा किया और प्रदेश की गद्दी सौंपी। इसके बाद जब जून महीने में हेमंत सोरेन बाहर आए और चंपाई सोरेन को सीएम पद छोड़ना पड़ा।